श्रीरामभद्राचार्य ने बताया की कैसे बनेगा , अयोध्या में राम मंदिर
दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ जगतगुरु पद्म विभूषण श्रीरामभद्राचार्य ने कहा कि शनि पूजा को लेकर संत-धर्माचार्य विवादित प्रलाप न करें। पूजा का हक किसे है किसे नहीं, इस पर विरोधाभास ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि राममंदिर भगवान की प्रेरणा से बनेगा।
कोर्ट में विचाराधीन मुकदमे के बावजूद उनकी ओर से घोषित डेड लाइन को लेकर पूछे जाने पर कहा कि हमने भगवान राम की प्रेरणा से ही राममंदिर निर्माण की तिथि तय की है। राम मंदिर बनेगा, उसे श्रीराम ही बनवाएंगे। वह बुधवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के श्रीराम शोध पीठ में व्याख्यान दे रहे थे।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय को सराहा। कहा कि सबका साथ सबका विकास में सभी को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर साथ देना चाहिए। 21 वीं सदी में देश को सामर्थ्यवान बनाने की ताकत मोदी रखते हैं।
श्रीरामभद्राचार्य ने कहा कि श्रीराम के चरित्र का जो वर्णन विभिन्न ग्रंथों में है उसी को शोध के माध्यम से जनता जनार्दन को बताना ही श्रीराम शोध पीठ का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि श्रीराम के साहित्यों में जो भी भ्रांतियां एवं मिथक हैं, उन्हें पीठ को अपने शोध के माध्यम से दूर करना चाहिए। जगतगुरु ने राम का विस्तृत अर्थ समझाया और कहा कि इसका अर्थ कोई सांप्रदायिक मिथक नहीं, बल्कि राष्ट्र के मंगल से है।
मुख्य अतिथि जगतगुरु पद्म विभूषण श्रीराम भद्राचार्य ने सर्वप्रथम सभी को शिक्षा के प्रति जागरूक किया। हमेशा पढ़ते रहने की ताकीद की। श्रीराम पीठ के उद्देश्यों की चर्चा करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम तो सर्वोपरि हैं, शोध से कहीं आगे हैं। हम भगवान श्रीराम के साहित्यों पर ही शोध कर सकते हैं।
श्रीराम के चरित्र का जो वर्णन विभिन्न ग्रंथों में वर्णित है उसी को शोध के माध्यम से जनता जनार्दन को बताना ही पीठ का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए।
उन्होंने राम नाम के अर्थ को समझाते हुए कहा कि राम का अर्थ कोई सांप्रदायिक मिथक नही बल्कि रा का अर्थ राष्ट्र और म का अर्थ मंगल से है। इसी संदर्भ में उन्होंने मंगल भवन अमंगल हारी द्रबहु सु दशरथ अजिर बिहारी का गान किया।
अध्यक्षता इतिहास विभाग के अध्यक्ष डा. अजय प्रताप सिंह ने की। धन्यवाद ज्ञापन श्रीराम बल्लभा कुंज अयोध्या के अधिकारी श्रीराज कुमार दास ने किया।