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बड़ी पार्टियों ने किया सपा से किनारा, छोटे दलों के साथ जाना अखिलेश की महालाचारी: मायावती

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले आरोप-प्रत्यारोप जारी है. समाजवादी पार्टी (सपा) ने छोटे दलों के साथ गठबंधन करने का फैसला लिया तो बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस पर तंज कसा है. बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि सपा से अधिकतर बड़ी पार्टियां ने किनारा कस लिया है, इस वजह से अखिलेश छोटे दल के साथ लड़ेंगे.

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, ‘समाजवादी पार्टी की घोर स्वार्थी, संकीर्ण व ख़ासकर दलित विरोधी सोच एवं कार्यशैली आदि के कड़वे अनुभवों तथा इसकी भुक्तभोगी होने के कारण देश की अधिकतर बड़ी व प्रमुख पार्टियां चुनाव में इनसे किनारा करना ही ज़्यादा बेहतर समझती हैं, जो सर्वविदित है.’

अपने अगले ट्वीट में मायावती ने कहा, ‘इसीलिए आगामी यूपी विधानसभा आमचुनाव अब यह पार्टी किसी भी बड़ी पार्टी के साथ नहीं बल्कि छोटी पार्टियों के गठबंधन के सहारे ही लड़ेगी, ऐसा कहना व करना सपा की महालाचारी नहीं है तो और क्या है?’
दरअसल, अपने जन्मदिन पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि उत्तर प्रदेश की जनता बदलाव चाहती है, जनता ने जिसको बदलाव के लिए वोट दिया था उन्होंने कुछ नहीं किया, 2022 में सपा की सरकार आ रही है, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जो वादा किया था वह निभाए और अपना संकल्प पत्र पूरा करे.

चुनाव में गठबंधन के बारे में अखिलेश यादव ने कहा था कि समाजवादी पार्टी ने फैसला लिया है कि हम बड़े दलों के साथ नहीं चलेंगे, उनके साथ अनुभव ठीक नहीं रहा, हम छोटे दलों को अपने साथ रखेंगे, ज्यादा से ज्यादा है छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे, चाचा (शिवपाल सिंह यादव) को भी साथ रखने की कोशिश करेंगे.

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