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श्रीलंका तमिलों की न्याय की अपेक्षा पूरी करे- मोदी

pm modi_Fनयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका समस्या के ऐसे राजनीतिक समाधान की आवश्यकता पर आज जोर दिया जिसमें ‘‘अखंड श्रीलंका’’ के ढांचे के तहत तमिल समुदाय की समानता, सम्मान, न्याय और आत्मसम्मान की अपेक्षा को पूरा किया जा सके। मोदी की श्रीलंका के तमिल नेशनल एलायंस (टीएनए) के सांसदों के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद जारी सरकारी बयान में प्रधानमंत्री के हवाले से यह बात कही गई। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने श्रीलंका के सभी पक्षों से अपील की कि श्रीलंका के संविधान के 13 वें संशोधन पर आधारित राजनीतिक समाधान खोजने के लिए वे साझेदारी और आपसी सामजंस्य की भावना से कार्य करें। प्रधानमंत्री ने टीएनए प्रतिनिधिमंडल को यह आश्वासन भी दिया कि भारत उत्तरी और पूर्वी श्रीलंका में राहत, पुनरूद्धार और पुननिर्माण के कार्य में सहायता देना जारी रखेगा। इनमें विशेष रूप से आवासीय, रोजगार पैदा करना, क्षमता बढ़ाना, शिक्षा अस्पताल और बुनियादी ढांचे संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं। मोदी से मुलाकात करने वाले इस प्रतिनिधिमंडल में आर सम्पथन, मवाई एस सेनथिराजा, के सुरेश प्रेमचंद्रन, पी सेल्वाराज, सेल्वम अडाईक्कलनाथन और एम ए सुमन्थीरन शामिल थे। प्रधानमंत्री से भेंट के बाद सम्पथन ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बताया कि मोदी ने ‘‘हमारे उत्तरी प्रांतीय परिषद के मुख्यमंत्री सी वी विग्नेश्वरण से मिलने की इच्छा जताई है।’’ मोदी और टीएनए प्रतिनिधिमंडल के बीच मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव नृपेंद्र मिश्र, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव सुजाता सिंह मौजूद थे। टीएनए के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री को श्रीलंका की स्थिति की जानकारी दी और राष्ट्रीय सामंजस्य तथा केन्द्र द्वारा राज्यों को दिए गए अधिकार के बारे में अपने आंकलन और उम्मीदों से अवगत कराया। तमिल नेशनल एलायन्स के नेताओं का यह दौरा भारत और श्रीलंका सरकार और वहां के राजनीतिक दलों के साथ लगातार संबंध बनाए रखने का हिस्सा है।

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