राष्ट्रीय

सरकार की इस पहल से बढ़ेगी भारतीय सेना की ताकत, सीमा पर तैनात होंगे घातक असॉल्ट राइफल

बॉर्डर पर होने वाली लड़ाईयां अब सेना वेपन से कम, टेक्नोलॉजी के दम पर ज्यादा लड़ी जाती है। जी हां, टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का एक अभिन्न भाग हो गया है। ऐसे में भारत इन मामलों में से भी किसी से कम नही है। अब भारत भी दिनों दिन अपनी ताकत में इजाफा करते जा रहा है। आपको बता दे कि अभी हाल ही में भारत सरकार ने अपने जवानों की ताकत बढ़ाने के लिए अमेरिका से 72 हजार असॉल्ट राइफल खरीदने का करार किया है। सरकार ने भारतीय सेना के लिए फास्ट ट्रैक प्रक्रियाओं के तहत 72 हजार सिंग सोर असॉल्ट राइफल्स प्राप्त करने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर कर दिया हैं। अब हमारा भारत पहले से और ज्यादा ताकतवर हो गया है। क्योकि राइफलें भारतीय सेना की ताकत का हिस्सा बनकर भारतीय सेना को और ताकतवर बना दिया है।

सरकार की इस पहल से बढ़ेगी भारतीय सेना की ताकत, सीमा पर तैनात होंगे घातक असॉल्ट राइफलहमारा देश एक प्रगतिवादी देश है, जो हमेशा प्रगति के लिए कार्यरथ है। इस कारण से भारत सरकार ने देश की प्रगति के लिए तथा सेना के लिए नई टेक्नोलॉजी से लैस 72 हज़ार असॉल्ट राइफल अमेरिका से आयात करने की योजना बनाई थी। भारत की रक्षा मंत्री श्री निर्मल सीतारमण ने इस योजना को पारित करने की अनुमति दे दी थी, हमारे देश के जवान जो भारत की सीमा पर निरंतर पहरा देते है। हमारे देश की रक्षा करते है। उनके लिए ये राइफल अमेरिका मंगाई जा रही है। जिससे वह चीन और पाकिस्तान की सीमा पर दुश्मनों पर नज़र रखे और उन्हें मार गिराए।

आपको बता दें की असॉल्ट राइफल बहुत प्रसिद्ध है तथा इस राइफल का इस्तेमाल कई देश की सेना करती है, ये आयात त्वरित प्रकिये के अनुसार किया जा रहा है। यह आयात भारत से सौदा तय होने से एक साल के अंदर अमेरिका कंपानी को निर्यात करने होगा। सेना अब तक इंसास राइफल ले कर देश की सीमा पर तैनात रहते थे अब इंसास की जगह ये राइफल लेकर देश की सुरक्षा करेंगे। चीन और पाकिस्तान से सुरक्षा के लिए इन राइफलों का त्वरित आयात किया जा रहा है। जैसा की पूर्व में बताया गया था वर्ष 2017 में देश ने 7 लाख राइफल और 44 हज़ार मशीनगन 44, 600 कार्बाइन आयात करने का प्रावधान था।

जानकारी के लिए बताते चलें की भारत की सेना लगभग एक साल पहले ईशापुर में भारत गन फैक्ट्री द्वारा बनाई गई असॉल्ट गन का परीक्षण किया किंतु यह परीक्षण में सफल नहीं हो पाया ततपश्चात भारत अच्छे गन के लिए वैश्विक बजार में गन की खोज शुरू की तथा भारत की सेना को इंसास राइफल की जगह अच्छे गन की आवश्यकता है तथा इस कमी को पूरी करने के लिए भारत ने असॉल्ट गन का आयात किया।

Related Articles

Back to top button