साम्प्रदायिक शक्तियों के लिये चुनौती है काटजू का बयान :आजम
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री आजम खां ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू के गाय सम्बन्धी विवादास्पद बयान पर कहा कि यह वक्तव्य साम्प्रदायिक शक्तियों के लिये ना सिर्फ चुनौती है बल्कि चुल्लू भर पानी में डूब मरने के लिये काफी है।
खां ने यहां एक बयान में कहा वह सभी शक्तियां जो अपनी साम्प्रदायिक भाषा से, विचारों से और हत्या, लूट जैसी बातों को कारनामा समक्ष रही हों, उनके लिये न्यायमूर्ति काटजू का वक्तव्य केवल चुनौती ही नहीं बल्कि चुल्लू भर पानी में डूब मरने के लिये काफी है। गौरतलब है कि दादरी में गोहत्या के आरोप में उग्र भीड़ द्वारा एक व्यक्ति की घर में घुसकर हत्या किये जाने की खौफनाक वारदात को लेकर बवाल मचने के बीच पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू ने कल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा था, गाय तो एक जानवर है लिहाजा वह किसी इंसान की मां कैसे हो सकती है।
प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खां ने कहा कि कमजोरों को मारने वालों और बेगुनाहों को सजा देने वालों को अपने गिरेबां में क्षांककर सवाल करना चाहिये कि काटजू ने वह वक्तव्य वाराणसी में एक सेमिनार में हिस्सा लेने के लिये जाते वक्त दिया था। उस सेमिनार में ना सिर्फ गोभक्त, बल्कि मोदी भक्त भी मौजूद थे लेकिन किसी ने भी काटजू का विरोध करने की हिम्मत नहीं की। उन्होंने कहा कि हर गोभक्त की जिम्मेदारी है कि आज के बाद किसी भी पंचसितारा होटल के मेन्यू में गोमांस की कीमत ना लिखी हो और अगर लिखी जाती है तो ऐसे सभी होटलों की ईंट से ईंट बजा दी जाए। खां ने बयान में केन्द्र सरकार से पूरे देश में गोमांस के साथ-साथ गाय से बने उत्पाद, दवाएं, पर्स, बेल्ट तथा जूते वगैरह को बाजारों से फौरन वापस लेने और इसका विरोध करने वालों को गोहत्या का दोषी मानते हुए सजा सुनाने की मांग भी की।