सावधान! राजस्थान में पॉलीथीन बेची तो 5 साल की सजा
पॉलीथीन के उपयोग को लेकर नगर निगम एक बार सख्त हो गया है। निगम के नए आयुक्त हेमंत कुमार गेरा ने पहला बड़ा फरमान जारी किया है कि नगर निगम क्षेत्र में प्लास्टिक कैरी बैग पॉलीथीन विनिर्माण, भंडारण, आयात, विक्रय परिवहन व उपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त एवं प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
गेरा ने बताया कि 1 अगस्त, 2010 से प्रदेश में प्लास्टिक कैरी बैग पर पूर्ण रूप से रोक लगी है। यदि कोई व्यक्ति इसका उल्लघंन करता है तो संबंधित व्यक्ति को 5 साल की सजा एवं 1 लाख रुपए का जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति इसके बाद भी अपराध करता है तो 5 हजार रुपए प्रतिदिन का अर्थ दंड भी लगाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आदेशानुसार कोई व्यक्ति जिसमें दुकानदार विक्रेता, थोक विक्रेता, फुटकर विक्रेता, व्यापारी, फेरी रेहडी वाले शामिल है, अपने माल/सामान बेचेने, खरीदने, लाने ले जाने व माल के लिए प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग नहीं करेंगे। आदेशानुसार किसी भी प्रकार की प्लास्टिक कैरीबेग का उपयोग करने वालों के खिलाफ पर्यावरण (संरक्षण) एक्ट 1986 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
राज्य में 1 अगस्त, 2010 से प्लास्टिक, कैरीबेग्स, पॉलीथीन के विनिर्माण, भण्डारण, आयात, विक्रय तथा परिवहन पर प्रतिबन्ध किया गया है, जिसके तहत कोई व्यक्ति जिसमें कोई भी दुकानदार, विक्रेता थोक विक्रेता, फुटकर विक्रेता, व्यापारी, फेरी लगाने वाला या रेडी वाला शामिल है, माल प्रदान के लिए प्लास्टिक कैरीबेग का उपयोग नहीं करेगा।