अशोकनगर : शासन की अच्छी योजनाओं के क्रियान्वयन की आड़ में भी नौकरशाही रिश्वत के लिए कैसे रास्ते खोज लेती है यह एमपी के गुना जिले के इस मामले से समझा जा सकता है.कहा जा रहा है कि जिला पंचायत और जनपद पंचायतों के अलग-अलग बैंकों में चल रहे खाते बंद कराकर सिंगल खाता खुलवाने के बदले पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर से 2 लाख रुपए मांगे जाने की शिकायत पर जिला पंचायत सीईओ केके श्रीवास्तव को निलंबित करने का मामला सामने आया है.
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गौरतलब है कि 13 जून को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया ने प्रदेश की सभी जिपं और जनपद पंचायतों को 20 जून तक अनिवार्य रूप से एक खाता खोलने के लिए निर्देश दिए थे. कहा जा रहा है कि इसके लिए जिपं सीईओ श्री श्रीवास्तव के अधीनस्थों की ओर से पंजाब नेशनल बैंक की अशोकनगर शाखा के प्रबंधक से दो लाख रुपए की मांग की गई थी.
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बता दें कि शासन की विभिन्न योजनाओं में जिपं और जनपद पंचायतों को करोड़ों रुपए की राशि आती है. ऐसे में जिस बैंक में भी सिंगल खाता खुलेगा उसमें सभी योजनाओं की राशि जाएगी. इससे बैंक में जमा राशि बढ़ेगी और लें दें भी लगातार होगा. इसी कारण से बैंक प्रबंधन से राशि मांगी जा रही थी.
जबकि दूसरी ओर निलंबित जिला पंचायत सीईओ केके श्रीवास्तव ने कहा कि मुझे अपना पक्ष तक प्रस्तुत करने का मौका नहीं दिया गया. मेरे ऊपर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. किसी और की गलती की सजा सीधे मुझे दी गई.