अजब-गजब

सुनने में कुछ ऐसी है लगती है मंगल की हवा, पहली बार इनसाइट यान में हुई कैप्चर

अब मनुष्य भी पहली बार मंगल ग्रह की भूतिया और कम गड़गड़ाहट वाली आवाजें सुन सकते हैं। नासा के इनसाइट यान ने मंगल पर कुछ वाइब्रेशन कैप्चर की हैं। इस बात की जानकारी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने शुक्रवार को दी है। 10-15 एमपीएच से चलने वाली हवाएं उस वक्त कैप्चर हुईं जब वह इनसाइट के सोलर पैनल पर चल रही थीं। यह मानवरहित इनसाइट यान 26 नवंबर को मंगल की जमीन पर उतरा। इस रोबोटिग अंतरिक्ष यान का काम मंगल की जमीन से तमाम आंतरिक जानकारियों को जुटाकर नासा के पास भेजना है।
सुनने में कुछ ऐसी है लगती है मंगल की हवा, पहली बार इनसाइट यान में हुई कैप्चर
इसके दो सेंसरों ने वाइब्रेशन को कैप्चर किया है। यान के अंदर मौजूद एयर प्रेशर सेंसर और छत पर मौजूद सीसमोमीटर अब यान के रोबोटित अलार्म की सहायता से जमीन पर आने का इंतजार कर रहे हैं। इंपीरल कॉलेज लंदन के थॉमस पाइक का कहना है कि यह शुरूआत का 15 मिनट का डाटा सीसमोमीटर की सहायता से आया है। यह कुछ ऐसा है जैसे हवा में झंडा लहरा रहा हो। इनसाइट में मौजूद उपकरण का काम मंगल ग्रह पर इनसाइट की लोकेशन बताकर नासा तक पहुंचाना है। ये वही साधारण तकनीक है, जो स्मार्टफोन में मौजूद होती है। इसका काम सूर्य की कक्षा से गुजरने के दौरान नॉर्थ पोल कितना डगमगाता है, इसकी जांच करना है।

मंगल पर मौजूद गर्मी की जानकारी के लिए सतह से करीब 5 मीटर नीचे तक एक स्केल डाला जाएगा। जो अंदर मौजूद गर्मी का डेटा जमा करेगा। जबकि सिस्मोमीटर मंगल पर आने वाले भूकंप से पैदा होने वाली लहरों और उल्का पिंड के असर की जांच करेगा। मंगल की सतह कई परतों में विभाजित है। इससे पहले साल 1976 में नासा के वाइकिंग 1 और 2 ने वहां के सिग्नल पकड़े थे। लेकिन हवा की आवाज इतनी तेज नहीं थी, जिसे सुना जा सके। साथ ही ये आवाज ऑडियो में भी नहीं आ पाई।

Related Articles

Back to top button