हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर अपनी व्यथा जाहिर की। एक बार फिर उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ अपनी नाराजगी का इजहार कर बताया कि वह क्यों विधानसभा चुनाव से दूर रहना चाहते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने उनकी पूरी बात सुनने के बाद उन्हें पार्टी को मजबूती देने और चुनाव में जीत के लिए एकजुटता का मंत्र देकर विदा किया। विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ी कांग्रेस फिलहाल न तो वीरभद्र से किनारा करना चाहती है और न ही संगठन में कोई फेरबदल कर मुसीबत लेना चाहती है। वीरभद्र की घोषणा के बावजूद पार्टी आलाकमान चाहता है कि वीरभद्र चुनाव में उतरे। प्रभारी सुशील कुमार शिंदे इन दिनों गणेश उत्सव के चलते महाराष्ट्र में हैं। शिंदे के दिल्ली लौटते ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी हिमाचल के सभी नेताओं की बैठक करेंगे।
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वीरभद्र ने कांग्रेस अध्यक्ष के सामने अपना एजेंडा पेश किया। सूत्रों की मानें तो वीरभद्र चाहते हैं कि वह चुनाव उसी स्थिति में लड़ेंगे जब पार्टी चुनाव से पहले स्पष्ट कर दे कि उनकी अगुवाई में ही पार्टी खड़ी होगी। सीएम ने अपने बेटे को भी चुनाव लड़ाने की इच्छा जताई है।
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हालांकि पार्टी अध्यक्ष की ओर से उन्हें इसका कोई आश्वासन नहीं मिल पाया। वीरभद्र चाहते हैं कि टिकट बंटवारे को लेकर उनकी भूमिका अहम हो ताकि अधिक से अधिक सीटें जीती जा सकें। कांग्रेस अध्यक्ष के साथ हुई बातचीत से पहले वीरभद्र की मुलाकात सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से भी हुई।