हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे पास हैं सिंधू और सायना जैसी खिलाड़ी
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सिंधू के शानदार प्रदर्शन के पीछे अन्य भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन पीछे रह गया है लेकिन सभी ने अच्छा प्रदर्शन किया। सायना ने कांस्य पदक जीता और श्रीकांत पदक जीतने से चूक गए। ये विश्वचैंपियनशिप में उनका दूसरा क्वार्टर फाइनल था। वो ओलंपिक क्वार्टर फाइनल में भी पहुंचे थे। वो पदक से ज्यादा दूर नहीं रह गए हैं।
सिंधू की जमकर तारीफ करते हुए गोपीचंद ने कहा, 22 वर्षीय सिंधू जब खेल से रिटायर होंगी तब उनके पास कई स्वर्ण पदक होंगे। उन्होंने कहा, विश्व चैंपियनशिप का फाइनल शानदार था और सिंधू ने इसमें शानदार खेल दिखाया। महज 22 साल की उम्र में वह कई बड़ी स्पर्धाओं में पदक जीत चुकी हैं। जिसमें तीन विश्वचैंपियनशिप पदक( दो कांस्य एक रजत) और एक ओलंपिक रजत पदक शामिल है। लगातार चार साल में चार पदक हासिल करना शानदार है। आशा करते हैं वो आने वाले समय में कई स्वर्ण पदक अपनी झोली में डालेंगी।
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सिंधू और जापान की निजोमी ओकुहारा के बीच खेला गया फाइनल मैच महिला एकल इतिहास का दूसरा सबसे लंबा मैच था। 1 घंटे 50 मिनट तक चले इस मैच में दोनों खिलाड़ियों की फिटनेस की कड़ी परीक्षा हुई इसकी वजह से बैडमिंटन और एक्साइटिंग हो गया। गोपीचंद ने कहा, फिटनेस का जो स्तर हमने विश्वचैंपियनशिप के फाइनल में देखा वो बेहद अलग था। तकरीबन दो घंटे के मैच में किसी भी खिलाड़ी को बढ़त हासिल नहीं हुई। ऐसे में किसी के पास प्रयोग करने की संभावना ही नहीं थी। दोनों खिलाड़ी लगातार दबाव में थे इसने बैडमिंटन को और भी रोचक बना दिया।