
जस्टिस अमित रावल की कोर्ट में विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कई कारणों से बहस न कर पाने की स्थिति में तारीख मांगने का सिलसिला शुरू हो गया। तारीख पड़ने के कारण मामलों के लंबे लटकने को ध्यान में रखते हुए जस्टिस रावल ने इसके लिए वकीलों के सामने एक शर्त रख दी।
जस्टिस रावल ने कहा कि वे तारीख तो दे देंगे लेकिन याचिकाकर्ता को इसकी एवज में समाज व पर्यावरण के लिए कुछ करना होगा। जस्टिस रावल ने तारीख मांगने वाले वकीलों से पूछा कि क्या याचिकाकर्ता इसकी एवज में नीम के 20 पौधे लगाने के लिए तैयार हैं।
वकीलों ने अपने-अपने क्लाइंट से बात करने के बाद कोर्ट को सूचित किया कि वे इसके लिए तैयार हैं। इसके बाद जिन मामलों में पौधे लगाने की अंडरटेकिंग दी गई उनमें जस्टिस रावल ने तारीख देने का फैसला लिया। तारीख मांगने वालों पर पहले भी जुर्माना लगता आया है लेकिन नीम के पौधे लगाकर तारीख देने का यह अपनी तरह का अलग ही फैसला है।