जयपुर : राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार ने हुक्का बार चलाने पर एक से तीन साल की जेल और 50 हजार से एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का विधानसभा में विधेयक पारित कर दिया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि केन्द्रीय अधिनियम, 2003 की तुलना में राजस्थान संशोधन विधेयक, 2019 बेहद असरकारक और प्रभावी होगा। केन्द्रीय अधिनियम की धारा 4 का उल्लंघन करने पर केवल 200 रुपए तक जुर्माना किए जाने का प्रावधान है जबकि राजस्थान संशोधन विधेयक, 2019 में उपबंधों का उल्लंघन करने पर 3 वर्ष तक का कारावास जो कि 1 वर्ष से कम नहीं होगा। इसके अलावा 50 हजार से एक लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने बताया कि अधिनियम कहीं ज्यादा सख्त है।
केन्द्रीय अधिनियम संख्या में परिभाषाओं की व्याख्या अस्पष्ट हैं जबकि राजस्थान संशोधन विधेयक, 2019 के अंतर्गत ‘हुक्का बार’ को स्पष्टता से परिभाषित किया है। नए संशोधन के अनुसार जहां लोग किसी सामुदायिक हुक्के से, या नारगील से जो व्यक्तिगत रूप से उपलब्ध कराया जाता है, तम्बाकू का धूम्रपान करने के लिए एकत्र होते हैं। राजस्थान संशोधन विधेयक, 2019 के तहत किसी भी व्यक्ति स्वयं या किसी दूसरे व्यक्ति की शह से हुक्का बार का संचालन रेस्त्रां होटल सहित किसी भी स्थान पर, जहां पर किसी भी तरह का खाना या अल्पाहार का विक्रय अथवा वितरण किया जाता है, हुक्का बार संचालन को प्रतिबंधित किया गया है।