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अभी-अभी: अमेजन-वॉलमार्ट को लगा 50 बिलियन डॉलर का झटका

भारत में सरकार द्वारा ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नई एफडीआई नीति को लागू करने से अमेरिकी कंपनियों वॉलमार्ट और अमेजन को बड़ा झटका लगा है। दोनों कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। इससे दोनों कंपनियों का मार्केट कैप भी काफी गिर गया है।

अभी-अभी: अमेजन-वॉलमार्ट को लगा 50 बिलियन डॉलर का झटका 5 फीसदी से ज्यादा गिरा अमेजन का शेयर

अमेजन का शेयर शुक्रवार को 5.38 फीसदी गिरकर 1626.23 डॉलर पर आ गया। इससे कंपनी को करीब 45.22 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर वॉलमार्ट का शेयर 2.06 फीसदी गिरकर 93.86 डॉलर पर आ गया।
इससे कंपनी को 5.7 बिलियन डॉलर का नुकसान हो गया। अमेरिकी शेयर बाजार के बंद होते वक्त अमेजन की मार्केट कैप 795.18 बिलियन डॉलर और वॉलमार्ट की 272.69 बिलियन डॉलर रह गई।

भारत में अमेजन-वॉलमार्ट पर लागू हुए नए नियम

फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी कंपनियां अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अप्रत्याशित छूट और कैशबैक की लुभावनी पेशकश नहीं दे सकेंगी। देश के खुदरा कारोबारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद सरकार ने यह नियम लागू किया है।

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा दिसंबर में जारी नियमों में बेहद सफाई से छूट और कैशबैक के खेल पर लगाम कसी गई है। आर्थिक विशेषज्ञ रामानुज के मुताबिक, अब ई-कॉमर्स कंपनियों की जिन चुनिंदा विक्रेताओं के साथ हिस्सेदारी होगी, उनके माल अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच पाएंगी।

सीधे तौर पर ई-कॉमर्स कंपनियां जब तक ऐसी हिस्सेदारी खत्म नहीं करती हैं, तब तक वह माल बेचने की हकदार नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि पूर्ण स्वामित्व वाली थोक कंपनियों से 25 फीसदी से अधिक माल नहीं खरीदा जा सकेगा, जबकि शेष 75 फीसदी माल विक्रेताओं को दूसरी कंपनियों से खरीदना होगा। इससे  लागत बढ़ेगी और बड़ी छूट का खेल बंद हो जाएगा।

घरेलू कंपनियों को लाभ

विशेषज्ञ यह मानते हैं कि इन नियमों से खुदरा और देसी ई-कॉमर्स कंपनियों को लाभ होगा, लेकिन तेजी से बढ़ रहे इस क्षेत्र की गति कम हो जाएगी। भारत में ई-कॉमर्स क्षेत्र में साल 2023 तक 10 लाख नौकरियां आएंगी, जबकि साल 2020 तक भारत में सालाना ई-कॉमर्स व्यवसाय से होने वाली बिक्री 7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। वहीं, यह आंकड़ा साल 2026 तक 14 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है। अभी यह क्षेत्र सालाना 51 फ़ीसदी की दर से बढ़ रहा है।

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