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कर्नाटक सरकार को बचाने की कोशिश रही नाकाम, नहीं माने कांग्रेस के विधायक नागराज

कर्नाटक में विधायकों के इस्तीफे से शुरू हुए ‘नाटक’ को करीब एक सप्ताह बीत गया है, आज कांग्रेस के बागी विधायक एमटीबी नागराज को मनाने की भी कोशिशें की गईं, लेकिन कोई हल नहीं निकला। नागराज ने शनिवार को जी परमेश्वर, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के साथ मुलाकात की थी। इस दौरान ने अपने तेवर नरम करने के संकेत दिए थे, लेकिन बाद में वह यह कहते हुए चले गए कि त्यागपत्र वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है। कांग्रेस-जदएस गठबंधन के नेताओं ने शनिवार को नागराज से बातचीत की थी ताकि कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी नेतृत्व वाली सरकार को बचाने के लिए उन्हें मनाया जा सके। बता दें कि नागराज और सुधाकर ने एक साथ 10 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार को इस्तीफा दिया था।

अपने फैसले पर अडिग हूं : नागराज
शहर से रवाना होने से पहले होस्कोटे के विधायक नागराज ने मीडिया से कहा कि वह चिकबल्लापुर के विधायक के सुधाकर से बातचीत करने के बाद अपना इस्तीफा वापस लेने पर अंतिम फैसला लेना चाहते हैं। लेकिन, बाद में नागराज ने मुंबई में कहा कि उनके त्यागपत्र वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है और वह अपने फैसले पर अडिग हैं।

नागराज ने कहा कि इस्तीफा देने वाले सभी विधायक एकजुट हैं। उन्होंने इससे इनकार किया कि विशेष विमान में भाजपा के वरिष्ठ नेता आर अशोक उनके साथ थे। इससे भी मना किया कि उनके इस्तीफे के पीछे भगवा पार्टी का दबाव है। हालांकि, नागराज ने स्वीकार किया कि अगर सुधाकर मान गए तो वह अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे, लेकिन यह भी कहा कि वह अपने त्यागपत्र पर अब अडिग हैं।

बागी विधायक सोमशेखर ने कहा इस्तीफा वापस लेने की बातें बेबुनियाद
इससे पहले दिन में, कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री एचके पाटिल ने कहा था, ‘नागराज को जरूर सुधाकर के मुंबई में होने की जानकारी मिली होगी और मुझे लगता है कि वह अन्य विधायकों को वापस लाने के लिए गए होंगे।’ अन्य विधायकों को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने के लिए नागराज के मुंबई जाने संबंधी खबरों के बारे में कांग्रेस के बागी विधायक एसटी सोमशेखर ने कहा कि इस तरह के दावे बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि 12 बागी विधायक मुंबई में हैं और सुधाकर दिल्ली में हैं और जल्द ही उनके साथ जुड़ेंगे ।

मुंबई के लिए रवाना होने से पहले नागराज ने कहा, ‘सुधाकर ने अपना फोन बंद कर लिया है और पिछले दो दिन से उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है। सुधाकर को समझा-बुझा कर, मैं उन्हें वापस लाने की कोशिश करूंगा। क्योंकि हम दोनों ने इस्तीफा दिया था इसलिए हम एक साथ रहना चाहते हैं। मैंने कांग्रेस नेताओं को इसकी जानकारी दे दी है।’

कुमारस्वामी द्वारा विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने को लेकर अचानक घोषणा करने के एक दिन बाद गठबंधन के नेताओं ने नागराज के साथ एक के बाद एक बैठकें की। इन बैठकों में सिद्धारमैया, कुमारस्वामी और मंत्री डीके शिवकुमार भी थे।

विधानसभा अध्यक्ष पर लगाया था इस्तीफा स्वीकार न करने का आरोप
नागराज कांग्रेस के उन पांच बागी कांग्रेस विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार पर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।

सत्तारूढ़ गठबंधन में अध्यक्ष को छोड़कर कुल 116 विधायक (कांग्रेस के 78, जद(एस) के 37 और बसपा के एक) हैं। दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 224 सदस्यीय सदन में भाजपा के विधायकों की संख्या 107 है।

बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर करने के डर के चलते कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। अगर 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जाते हैं तो गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 100 रह जाएगी।

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