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चिदंबरम और उनके बेटे के खिलाफ CBI ने दाखिल की चार्जशीट

एयरसेल-मैक्सिस केस में सीबीआई ने पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. यह पहली चार्जशीट है जो पी. चिदंबरम के खिलाफ कोर्ट में दाखिल की गई है. चार्जशीट में कहा गया है कि पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए अपनी पावर का गलत इस्तेमाल किया.

उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120b और पीसी एक्ट की धारा 7, 1213(2) के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है. बता दें कि इस मामले में कुल 18 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है.

इस चार्जशीट में एयरसेल मैक्सिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का नाम भी शामिल है, लेकिन उनपर मुकदमा चलाने के लिए कोर्ट से अप्रूवल लेना होगा. जब सीबीआई से पूछा कि क्या इस मामले में चार्जशीट फाइल करने के लिए उनके पास पुख्ता सबूत हैं? तो इसका जवाब देते हुए सीबीआई अधिकारी ने कहा कि उनके पास पर्याप्त सबूत और गवाह हैं. इस मामले में 31 जुलाई को पटियाला कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेगा.

CBI पर बनाया गया दबाव: पी. चिदंबरम

पी. चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा कि इस मामले में चार्जशीट फाइल करने और मेरे खिलाफ निरर्थक आरोप लगाने के लिए CBI पर दबाव बनाया गया. अब यह केस कोर्ट के सामने है और वो ही इस पर फैसला करेगा. मुझे किसी प्रकार की कोई सार्वजनिक टिप्पणी करने से बचना चाहिए.

अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है सरकार: आनंद शर्मा

पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को इस केस में आरोपी बनाए जाने पर कांग्रेस के प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आंनद शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है. वो ऐसा पिछले चार वर्षों से कर रहे हैं लेकिन वो चाह कर भी हमारी आवाज को नहीं दबा पाएंगे.

उन्होंने कहा कि यहां बहुत सी एजेंसियां हैं जो एक ही केस में अलग- अलग केस दर्ज कर रही हैं. आंनद शर्मा ने नीरव मोदी, मेहुल चोकसी का नाम लिए बिने कहा कि जो असली अपराधी हैं वो देश से भाग चुके हैं क्योंकि एजेंसियां इस तरह के मामलों में उलझी हुई है. अब इस मामले को हमें कोर्ट पर छोड़ देना चाहिए.

एयरसेल-मैक्सिस डील क्या?

केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कार्ति के पिता पी. चिदंबरम 2006 में जब वित्त मंत्री थे, तो उन्होंने (कार्ति) एयरसेल-मैक्सिस डील में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से किस प्रकार मंजूरी हासिल की थी.

गौरतलब है कि कार्ति चिदंबरम द्वारा साल 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील के तहत विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी मिलने के मामले की जांच CBI और ED कर रहे हैं. उस समय पी चिदंबरम वित्तमंत्री थे.

क्या हैं आरोप?

पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई के अनुमोदन के लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी को नजरअंदाज कर दिया था. ED के मुताबिक एयरसेल-मैक्सिस डील में तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी की अनुमति के बिना ही मंजूरी दी थी, जबकि ये डील 3500 करोड़ रुपये की थी.

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