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चीन-अमेरिका ट्रेड वॉर से भारत को हो रहा फायदा! बढ़ गया निर्यात

नई दिल्ली : चीन के साथ अमेरिका का ट्रेड वार जारी है और इसे खत्म करने के बारे में दोनों देशों के बीच अभी कोई समझौता नहीं हो पाया है। भारत के लिए यह एक अच्छे मौके की तरह है। पिछले एक साल में चीन को होने वाले वाले भारतीय निर्यात में बढ़त हुई है। चीन और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वार से भारत को फायदा हो रहा है। भारत से कई वस्तुओं का निर्यात तेजी से बढ़ा है और इस वित्त वर्ष के अंत तक रेकॉर्ड निर्यात होने की उम्मीद है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में यह दावा किया गया है। अखबार के अनुसार अप्रैल से दिसंबर 2018 यानी वित्त वर्ष के सिर्फ नौ महीने में ही भारत का चीन को निर्यात बढ़कर 12.7 अरब डॉलर पहुंच गया है, जबकि पिछले पूरे वित्त वर्ष 2017-18 में 13.33 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था। इसकी वजह से भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा कम होकर 40 अरब डॉलर ही रह गया है।

भारत से चीन में समुद्री उत्पाद, ऑर्गनिक केमिकल्स, प्लास्टिक, पेट्रोलियम उत्पाद, अंगूर, चावल आदि का निर्यात बढ़ा है। अमेरिका और चीन में व्यापारिक तनाव से जिन सेक्टर में फायदा उठाया जा सकता है, वहां भारत अपना निर्यात बढ़ाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। चीन ने पिछले साल जुलाई से ही अमेरिकी आयात पर भारी टैरिफ थोप रखा है। इसकी वजह से अमेरिकी उत्पादों की चीन में कीमत काफी बढ़ गई है और चीनी कंपनियां कच्चे माल के लिए वैकल्पिक आयात पर जोर दे रही हैं। ऐसे में भारत की चांदी हो गई है।  भारत एक विशाल कृषि प्रधान देश है और यहां के कृषि उत्पाद सस्ते होने की वजह से वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धी होते हैं। शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के सेंटर फॉर एशिया-पैसिफिक स्टडीज में डायरेक्टर झाओ गांगछेंग ने अखबार को बताया कि पिछले साल जुलाई से ही भारत से चीन में परंपरागत केमिकल उत्पादों के अलावा चावल, सोयाबीन, फल और मक्के जैसे कृषि उत्पादों का निर्यात काफी बढ़ रहा है।

पिछले साल दोनों एशियाई देशों ने कई तरह के भारतीय निर्यात को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया था। पिछले साल जुलाई में चीन ने भारत से चावल आयात के लिए 14 की जगह 19 रजिस्टर्ड निर्यातकों को मंजूरी थी। इसकी वजह से बासमती ही नहीं, गैर बासमती चावल भी चीन को निर्यात होने लगे। पिछले साल 1 जुलाई से ही चीन ने भारत से सोयाबीन आयात पर भी आयात कर खत्म कर दिया. पहले इस पर 3 फीसदी का आयात शुल्क लगता था। यही नहीं, भारतीय सोयाबीन मील, केक और अनार के निर्यात के लिए भी चीन और भारत के बीच प्रोटोकॉल पर दस्तखत के लिए बातचीत चल रही है।

गौरतलब है कि अमेरिका ने पिछले साल चीन के 250 अरब डालर के सामान के आयात पर आयात शुल्क 25 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था। इसके जवाब में चीन ने भी 110 अरब डालर के अमेरिकी सामान के आयात पर शुल्क बढ़ा दिया। अमेरिका चीन का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। वर्ष 2017 में अमेरिका का चीन के साथ कुल व्यापार 635.4 अरब अमेरिकी डालर का रहा। इसमें अमेरिका से निर्यात 129.9 अरब डालर और चीन से किया गया आयात 505.5 अरब डालर रहा।

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