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छेड़छाड़ मामले में कोर्ट ने 11 दिन में सुनाई दोषी को सजा, तीन साल कैद

अदालत ने सिर्फ 11 दिन में मुकदमे का निस्तारण कर नजीर पेश की है। पॉक्सो कोर्ट ने 2 दिसंबर को आरोप तय किए और 12 दिसंबर को नाबालिग से छेड़छाड़ और जानमाल की धमकी देने वाले को तीन साल कैद और 21 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। कोर्ट ने जुर्माने की पूरी धनराशि पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में देने का आदेश भी दिया है। कानपुर के बाबूपुरवा क्षेत्र की 13 वर्षीय बच्ची को घर में अकेले पाकर पड़ोस में रहने वाले 40 वर्षीय राजेश कुमार ने 22 नवंबर को अपने घर बुलाया और उससे अश्लील हरकतें करने लगा। बच्ची किसी तरह जान बचाकर अपने घर भाग आई। डर के कारण किसी को कुछ नहीं बताया।

उसके अचानक गुमसुम रहने पर घरवालों ने पूछा तो दो दिन बाद रो-रोकर मां को घटना की जानकारी दी। इस पर बच्ची के पिता ने 24 नवंबर को बाबूपुरवा थाने में राजेश के खिलाफ छेड़छाड़, जानमाल की धमकी देने और पॉक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया।

विशेष लोक अभियोजक गंगा प्रसाद यादव ने बताया कि विवेचक सुशील कुमार ने 29 नवंबर को चार्जशीट दाखिल कर दी थी। दो दिसंबर को आरोप तय होने के बाद अभियोजन की ओर से पीड़िता और उसके माता-पिता समेत छह गवाह कोर्ट में पेश किए गए। मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के आधार पर महज 11 दिन में न्यायिक कार्यवाही पूरी कर कोर्ट ने फैसला सुना दिया।

कोर्ट की टिप्पणी
कोर्ट ने कहा कि दंडादेश का सिद्धांत है कि अभियुक्त को न सिर्फ उसके किए अपराध के लिए दंड मिले, बल्कि समाज को भी संतुष्टि मिले कि न्याय हुआ है। अभियुक्त ने पीड़िता पर लैंगिक हमले जैसा घिनौना अपराध किया है जो उसे जीवन भर मानसिक यातना देता रहेगा।

नाबालिगों संग लैंगिक अपराधों के प्रति पॉक्सो कोर्ट अत्यंत गंभीर है। मुकदमों में जल्द न्यायिक कार्यवाही पूरी कर फैसले सुनाए जा रहे हैं। इतनी जल्दी प्रदेश की किसी अदालत द्वारा सुनाया गया मामला है, जो अपराधियों और न्याय व्यवस्था के लिए नजीर है। – गंगा प्रसाद यादव, विशेष लोक अभियोजक

22 नवंबर को घटना
24 नवंबर को रिपोर्ट
26 नवंबर को पीड़िता का मेडिकल
28 नवंबर को आयु प्रमाण पत्र दाखिल
29 नवंबर को चार्जशीट कोर्ट में दाखिल
2 दिसंबर को कोर्ट ने आरोप तय किए

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