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जानिए क्या है रॉ, आईबी और सीबीआई, कैसे बनते है अफसर

नई दिल्ली: सीबीआई अपने दो-दो निदेशकों के आमने-सामने आने पर खासा चर्चा में है और तब और भी हवा मिल गयी है जब इसमें आईबी के कुछ जासूस सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के घर के बाहर से पकडे गए। सीबीआई का पूरा नाम केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो हैं। क्या आप जानते हैं सीबीआई और आईबी में क्या अंतर है और इनका क्या काम होता है। जानिए देश की प्रमुख जांच और जासूसी एजेंसियों सीबीआई, रॉ और आईबी में क्या अंतर है। भारत में कई जांच और खुफिया एजेंसी हैं, जिसमें सीबीआई, रॉ और आईबी का नाम शामिल है। इन सभी एजेंसियां का कार्यक्षेत्र अलग-अलग है। हालांकि सभी का लक्ष्य देश की सेवा करना है।

सीबीआई-

सीबीआई भारत में केंद्र सरकार की एक एजेंसी है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर होने वाले अपराधों जैसे हत्या, घोटालों और भ्रष्टाचार के मामलों और राष्ट्रीय हितों से संबंधित अपराधों की भारत सरकार की तरफ से जांच करती है। सीबीआई एजेंसी की स्थापना 1941 में स्थापित हुई थी और इसे अप्रैल 1963 में ‘केंद्रीय जांच ब्यूरो’ का नाम दिया गया था, जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। सीबीआई आर्थिक अपराधों और भ्रष्टाचार के मामलों से संबंधित है। यह आपराधिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हुए कई प्रकार के मामलों की जांच करने के लिए लगाई जाती है। भारत के लिए सीबीआई ही इन्टरपोल की आधिकारिक इकाई है। सीबीआई मुख्य रूप से एक जांच एजेंसी है।

आईबी-

आईबी यानी इंटेलिजेंस ब्यूरो भी एक खुफिया एजेंसी है। यह देश में आतंकवाद और उग्रवाद की समस्याओं से निपटने के लिए संदिग्ध लोगों के आंदोलन पर नजर रखती है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की स्थापना ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के दौरान की गई थी। इसका मुख्य काम भारत की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह एजेंसी उन तत्वों पर कड़ी नजर रखती है जो कि देश को नुकसान पहुंचा सकते हैं। मुख्य रूप से काउंटर इंटेलिजेंस, काउंटर आतंकवाद, वीआईपी सुरक्षा, देश विरोधी गतिविधियों पर नियंत्रण, सीमावर्ती क्षेत्रों में खुफिया जानकारी जुटाने और आधारभूत संरचना के रखरखाव के काम करती है। इंटेलिजेंस ब्यूरो, तकनीकी रूप से गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करता है।

रॉ-

साल 1968 तक, खुफिया ब्यूरो (आईबी) भारत के आंतरिक और बाहरी खुफिया ऑपरेशनों के लिए जिम्मेदार था, लेकिन जब 1962 और 1965 के युद्ध में भारत की खुफिया एजेंसी नाकाम हो गई। उसके बाद सरकार ने बाहरी खुफिया ऑपरेशनों के लिए 1968 में अलग से ‘रॉ’ नाम की खुफिया एजेंसी बनाई थी। रॉ, भारत के पड़ोसी देशों की गतिविधियों पर नजर रखती है, लेकिन इसका मुख्य फोकस पाकिस्तान और चीन की गतिविधियों पर रहता है। रॉ, भारत के नीति निर्माताओं और सेना को खुफिया जानकारी प्रदान करता है। रॉ ने बांग्लादेश के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सीधे शब्दों में कहे तो इंटेलिजेंस ब्यूरो, भारत की आंतरिक खुफिया एजेंसी है। यह अपने ऑपरेशन देश के भीतर संचालित करती है, जबकि रॉ भारत का अनुसंधान और विश्लेषण विंग है और भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी है।

कैसे बनते हैं अफसर:

सीबीआई में एसएससी सीजीएल के जरिए आप अधिकारी बन सकते हैं और कुछ पदों पर सीबीआई सीधे भी लोगों को चयन करती है। आईबी के लिए भी सीधे भर्ती की जाती है और अन्य विभागों से भी आईबी में उम्मीदवारों का चयन होता है। रॉ में चयनित होने के लिए उम्मीदवारों को पहले सिविल सेवाओं में कार्यरत होना आवश्यक होता है, उसके बाद रॉ में भर्ती की जाती है।

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