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जाने कौन सी थी हाईस्पीड ट्रेन? जिसने रावण दहन देख रहे 60 लोगों की ली जान

वह कौन सी ट्रेन थी जो दर्जनों लोगों को चीरते हुए निकल गई, जिसने रावण दहन का जश्न मनाने आए 60 लोगों की जिंदगी पल भर में ले ली और कई लोगों को जिंदगी भर के लिए अपंग बना दिया? रिपोर्टों के मुताबिक, हादसा डीएमयू ट्रेन नंबर 74943 से हुआ. ये ट्रेन जालंधर से अमृतसर जा रही थी.

जाने कौन सी थी हाईस्पीड ट्रेन? जिसने रावण दहन देख रहे 60 लोगों की ली जान
फिरोजपुर के डीआरएम विवेक कुमार ने बताया कि जहां हादसा हुआ उससे पहले एक मोड़ है, ड्राइवर 91 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन लेकर आ रहा था, उसने जब लोगों को देखा तो रफ्तार कम करने की कोशिश की और 68 किमी प्रति घंटे तक ही ला पाया था कि हादसा हो गया.

डीआरएम ने कहा है ड्राइवर ने स्पीड कम की थी. इसके बावजूद कई लोग ट्रेन की चपेट में आ गए. उन्होंने कहा कि इस रफ्तार से चल रही ट्रेन को रोकने के लिए कम कम 700 मीटर की दूरी होनी चाहिए.
हादसा अमृतसर और मनावला के बीच फाटक नंबर 27 के पास हुआ. शुक्रवार की शाम करीब 7 बजे अमृतसर के चौड़ा बाजार स्थित जोड़ा फाटक के रेलवे ट्रैक पर लोग मौजूद थे.

पटरियों से महज 200 फीट की दूरी पर पुतला जलाया जा रहा था. इसी दौरान जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू ट्रेन नंबर 74943 वहां से गुजरी. डीआरएम ने कहा है कि हादसे के बाद ट्रेन की रफ्तार 10 तक आ गई थी लेकिन लोग ट्रेन पर पथराव करने लगे.

गार्ड ने ड्राइवर को बताया कि लोग आक्रोश में हैं और यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए ट्रेन रोकना ठीक नहीं है. इसके बाद ड्राइवर ट्रेन लेकर अमृतसर पहुंच गया.डीआरएम के मुताबिक ड्राइवर सुरक्षित जगह पर है और यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए वह हादसे के बाद नहीं रुका.

पंजाब सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिद्दू के इस बयान पर कि ट्रेन में हॉर्न ही नहीं था, डीआरएम ने कहा कि ट्रेन में हॉर्न है और वह ठीक है. डीआरएम ने यह भी दावा किया ड्राइवर ने हॉर्न बजाया था.

डीआरएम से जब पूछा गया कि उन्हें इसकी जानकारी कब मिली तो उनका कहना था कि उन्हें ठीक से याद नहीं है. वह यह भी नहीं बता पाए की किस टाइम पर हादसा हुआ.

हादसा कैसे हुआ- अधिकारियों ने बताया कि रावण के पुतले को आग लगाने और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल की पटरियों की ओर बढ़ना शुरू हो गए जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे. पंजाब सरकार ने शनिवार को एक दिन के शोक का ऐलान किया है. दफ्तर और शिक्षण संस्थान शनिवार को बंद रहेंगे.

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने घटना की जांच के आदेश दिये हैं. उन्होंने कहा, ‘अभी मुझे नहीं पता है कि रेलवे स्टेशन के बगल में रावण का यह पुतला क्यों बनाया गया था. लेकिन प्रशासन इसे देखेगा, हम इसकी जांच करेंगे.’

मुख्यमंत्री ने अपना तयशुदा इस्राइल दौरा स्थगित कर दिया है. पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये के मुआवजे का भी ऐलान किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिये दो-दो लाख रूपये और घायलों के लिये 50 हजार रूपये के मुआवजे का ऐलान किया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रेलवे ड्राइवर ने कहा कि रावण जलने की वजह से आसपास काफी धुआं था, घटनास्थल पर रोशनी की भी व्यवस्था नहीं थी, इसलिए उसे कुछ दिखाई नहीं दिया.

हादसा इतना गंभीर था कि 10 से 12 सेकंड के फासले में ट्रेन 60 लोगों को चीरते हुए निकल गई, कई लोग बुरी तरह जख्मी हो गए. घटना के बाद से ही मौके पर चीख पुकार मच गई, बदहवास लोग अपने करीबियों को तलाशने लगे थे. हादसे में करीब 51 लोग घायल हैं, जिनमें से कई लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है. गुरु नानक देव अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर ने कहा है कि उनके अस्पताल में 20 लोगों की मौतें हुई हैं.

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