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दर्जी के बेटे को मिला IIT में दाखिला, CM बोले- ‘खुश हूं, मेरा बेटा इनके साथ पढ़ेगा’

कहते हैं किसी भी शख्स को अगर समय पर सही दिशा, सही मार्गदर्शन मिल जाए और इन सबके साथ अगर मेहनत कर ली जाए तो कामयाबी जरूर मिलती है। ऐसा ही कुछ हुआ दिल्ली के एक दर्जी के बेटे के साथ, जिसने अपनी जिंदगी की तमाम कठिनाइयों को पार करते हुए आईआईटी दिल्ली में दाखिला पाया। दिल्ली के इस छात्र का नाम है विजय कुमार। हालांकि कक्षा 12वीं में आने से पहले ये सब उसके लिए बहुत मुश्किल था। जब उसे दिल्ली सरकार की ‘जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना’ का पता चला तब उसके पास बहुत कम समय बचा था। इसी योजना ने विजय के सपनों को पंख दिए।

दरअसल यह दिल्ली सरकार की ऐसी योजना है जो जरूरतमंद छात्रों को फ्री कोचिंग उपलब्ध कराती है ताकि वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें। आईआईटी में दाखिला मिलने के बाद विजय बहुत खुश है और अपने ऊपर एक जिम्मेदारी भी महसूस करता है।

विजय का कहना है कि, फ्री कोचिंग से मुझे विषयों की बारीकी समझने में मदद मिली। चूंकि मैं कक्षा 12वीं में था तो मुझे पता था कि मुझे क्या करना है। मेरे बहुत से दोस्त प्राइवेट कोचिंग संस्थान में पढ़ रहे थे लेकिन मेरी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि मैं वो कर पाऊं। जब मुझे इस स्कीम के बारे में पता चला तो मैंने इसका फायदा उठाया।

विजय की मां विमला देवी घरों में सहायिका का काम करती हैं और उसके पिता कैलाश दर्जी की दुकान चलाते हैं। उनका कहना है कि हमने कभी सोचा नहीं था कि हमारा बेटा कभी आईआईटी में पढ़ेगा। वह पढ़ाई में जरूर तेज था लेकिन वह इतना आगे जाएगा यह कभी नहीं सोचा था। हम अपने बेटे को हर तरह की मदद देना चाहते थे लेकिन संसाधन न होने की वजह से ऐसा नहीं कर सके। लेकिन सरकार ने वो काम कर दिया।

विजय की सफलता पर खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उसे ट्वीट कर बधाई दी और खुशी जताई। उन्होंने लिखा, ‘विजय कुमार के पिताजी दर्जी हैं, माताजी घरेलू काम करती हैं। आज मुझे बेहद खुशी हो रही है कि दिल्ली सरकार ने इनकी मुफ्त कोचिंग कराई और इनका IIT में दाखिला हो गया। यही तो था बाबासाहब का सपना, जो आज दिल्ली पूरा कर रही है!’

केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘मुझे बेहद खुशी है कि इस वर्ष मेरा बेटा और इनका बेटा दोनों एक साथ IIT में जा रहे हैं। बरसों से ये प्रथा चली आ रही थी कि गरीब का बेटा अच्छी शिक्षा के अभाव में गरीब रहने पर मजबूर था। अब सबको अच्छी शिक्षा और ट्रेनिंग देकर हमने गरीब और अमीर के बीच की दूरी दूर की है।’

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