राष्ट्रीय

पंजाब’ में लंगर के बर्तनों में ड्रग्स कनाडा भेजने वाले गिरोह का पर्दाफाश

पंजाब में ड्रग्स की तस्करी करने वाले ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जिसके तार कनाडा तक से जुड़े हैं. इस गिरोह की ओर से ड्रग्स की तस्करी के लिए जो तरीका आजमाया रहा था वो हैरान करने वाला है.

ये गिरोह लंगर में इस्तेमाल किए जाने वाले बड़े भगौने (कुकिंग बाउल्स) का इस्तेमाल कनाडा ड्रग्स भेजने के लिए कर रहा था. गिरोह की ओर से पंजाब के मालेर कोटला से 14 भगौने खरीदे गए. फिर दो-दो भगौने लेकर पहले उनमें ड्रग्स छुपाई गई फिर उन्हें वेल्ड कर दिया गया. इस तरह जुड़ने के बाद बचे 7 भगौनों को निजी कूरियर कंपनी के जरिए कनाडा भेज दिया गया.

जालंधर देहात पुलिस, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), काउंटर इंटेलीजेंस और नॉरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की साझा कार्रवाई में इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली. इनका सरगना कनाडा इमिग्रेंट दविंदर देव निरवाल उर्फ देव है जो मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर का रहने वाला है.

4 गिरफ्तार

गिरफ्तार किए गए अन्य ड्रग्स तस्करों में जालंधर के गांव जैतोवाली के दो सगे भाई अजीत सिंह और त्रिलोचन सिंह भी शामिल हैं. गिरफ्तार किया गया चौथा सदस्य होशियारपुर के बुलोवाल गांव का रहने वाला गुरबक्श सिंह है.

काउंटर इंटेलीजेंस के एआईजी हरकंवलप्रीत सिंह ने बताया कि दविंदर देव पिछले करीब 24 साल से नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार में लिप्त है. वो बेनामी संपत्तियों की वजह से राजस्थान में ईडी की पकड़ में आ गया था. उसके बाद वहां से भाग कर पंजाब के होशियारपुर और फिर लुधियाना के खन्ना में आकर रहने लगा. ईडी का भगोड़ा होने के साथ दविंदर देव की नॉरकोटिक्स ब्यूरो को भी तलाश थी.

नशीले पदार्थों की तस्करी के इस गिरोह के तार कनाडा के टोरंटो में बैठे कमलजीत सिंह चौहान से जुड़े थे. उसी को निजी कूरियर कंपनी के जरिए लंगर के भगौनों में नशीले पदार्थ भेजे जाने थे. गिरोह के पास से करीब 5 किलो केटामाइन और 6 किलो अफीम ज़ब्त की गई है.  

कूरियर से 7 भगौने कनाडा भेजे गए

कमलजीत को ड्रग्स की खेप 7 भगौनो में कूरियर के जरिए कनाडा भेज भी दी गई, लेकिन कमलजीत जिस कूरियर कंपनी से चाहता था, वो कूरियर कंपनी नहीं थी. इसके बाद दविंदर देव ने भगौने कनाडा से वापस मंगा लिए. लेकिन पुलिस को इसकी भनक लग गई और गिरोह के चारों सदस्य जालंधर के पास से गिरफ्तार कर लिए गए.

बता दें कि कैटामाइन की रेव पार्टियों में बहुत डिमांड रहती है. इसकी कीमत हेरोइन से दोगुनी बताई जाती है. कनाडा भेजने के लिए कैटामाइन को यूपी के रामपुर से खरीदा गया था.

दविंदर देव समेत गिरोह के चारों सदस्यों को जालंधर की कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है. इनसे पूछताछ कर पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि देश-विदेश में कौन-कौन ड्रग्स की तस्करी में इनके साथ जुड़ा है.

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