जीवनशैली

प्रेग्नेंसी के पहले महीने में ये डाइट खाएंगी तो होगा बच्चा स्वस्थ

जीवनशैली : प्रेग्नेंसी में गर्भवती महिला के ऊपर दोहरी जिम्मेदारी होती है। उसके शरीर में इस समय भ्रूण अपनी जड़ें जमा रहा होता है। अगर इस समय सही पोषण न मिले तो बच्चा कुपोषित हो सकता है। इसके बच्चे पर दूरगामी असर हो सकते हैं। इसलिए गर्भवती को अपने साथ बच्चे के भविष्य का भी ख्याल रखना होता है। पहले महीने में गर्भवती को अपने पोषण का विशेष ध्यान रखना है। समय के साथ-साथ गर्भवती महिला को ज्यादा कैलरी की जरूरत पड़ेगी लेकिन पहले महीने में उसे प्रोटीन, मिनरल और विटमिन पहले से ज्यादा लेने होंगे। ये प्राकृतिक स्रोत से मिलें तो बेहतर वरना डॉक्टरी सलाह पर इसे गोलियों और टॉनिक के रूप में लेना होगा। एक संतुलित आहार के लिए गर्भवती महिला को खानी चाहिए।
प्रोटीन के लिए फलियां और दालें : फलियां और दालें प्रोटीन का अच्छा स्रोत होते हैं। पेट में पल रहे बच्चे के संपूर्ण विकास में प्रोटीन अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए इनकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
फल, हरी सब्जियों से मिलेंगे जरूरी तत्व : फल और हरी सब्जियों से फोलिक एसिड, आयरन और दूसरे जरूरी खनिज लवण मिलते हैं। बच्चे के दिमाग के विकास में इनकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
हड्डियां होंगी डेयरी उत्पाद और अंडों से मजबूत : बच्चे की हड्डियों और मांसपेशियों की बनने की शुरुआत हो चुकी है। इसके लिए जरूरी कैल्शियम दूध, दही, पनीर और अंडों से प्राप्त होता है।


साबुत अनाज से विटमिन : साबुत अनाज जैसे गेहूं, ओट, मक्का, ज्चार, बाजरा जैसे मोटे अनाज अगर आहार में शामिल किए जाएं तो इनसे जरूरी विटमिन मिलते हैं जो बच्चे की गर्भनाल के विकास में योगदान देते हैं।
इन चीजों से करें परहेज : इसके अलावा गर्भवती महिला को पैकेट बंद संरक्षित खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए। कुछ ऐसे फल-सब्जियां भी होती हैं जिनका गर्भावस्था में सेवन नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उनसे गर्भपात का खतरा रहता है। उदाहरण के लिए अनानास, पपीता, कच्ची सब्जियां, लिवर वगैरह को गर्भवती महिला के लिए ठीक नहीं माना गया है खासकर पहले महीने में।

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