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बाढ़ में डूबे प्रयागराज के घाट, सड़क पर हो रही श्राद्ध

प्रयागराज : गंगा-यमुना में आए उफान की वजह से पितृ पक्ष के दौरान संगम में पिंडदान करने प्रयागराज आने वाले लोग इस समय परेशान हैं। संगम और उसके आसपास के इलाके में बाढ़ के हालात हैं। सैकड़ों लोग 13 सितंबर को शुरू हुए श्राद्ध के बाद से नदियों के जलस्‍तर के घटने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे संगम तक पहुंच सकें। गंगा, यमुना और अदृश्‍य सरस्‍वती नदियों के पवित्र संगम होने की वजह से साल के इस समय देश भर से लोग यहां आते हैं। इस दौरान संगम में पूर्वजों का श्राद्ध करने को शुभ माना जाता है। लेकिन इस पितृ पक्ष में अधिकांश घाट पानी में डूबे हैं। इ‍सलिए लोग बड़े हुनमान मंदिर के पास की सड़क पर पिंड दान जैसे कर्मकांड कर रहे हैं। पिछले दो हफ्तों में मध्‍य प्रदेश और उत्‍तराखंड में हुई भारी बारिश की वजह से गंगा और यमुना, दोनों नदियों का जलस्‍तर तेजी से बढ़ा है।

अगस्त महीने के आखिरी सप्‍ताह में ही ये दोनों नदियां खतरे के 84.73 मीटर ऊंचे निशान को पार कर गई थीं, इनमें तब से कमी नहीं आई है। गंगा और यमुना की चंबल और बेतवा जैसी सहायक नदियों के बांधों से भी पानी छोड़ा गया, जिसके कारण बाढ़ आ गई। प्रतापगढ़ के आशुतोष ओझा बाढ़ के पानी के साथ आई गंदगी का जिक्र करते हुए कहते हैं, ‘मेरे पास इस गंदे पानी में नहाने और श्राद्ध के अनुष्‍ठान करने के अलावा और कोई विकल्‍प नहीं है।’ संगम के पास दुकान लगाने वाले पुजारी, पम्‍मी पंडा का कहना है, ‘श्राद्ध के समय में दोबारा आई बाढ़ की वजह से हम अपने जजमानों को पूजा नहीं करा पा रहे हैं। चूंकि घाट पानी में डूबे हुए हैं, इसलिए मजबूरी में सड़क पर अनुष्ठान कराया जा रहा है।

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