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बाढ़ से तीन राज्यों में 123 की मौत

नई दिल्ली : मेघालय, बिहार, असम में बाढ़ का कहर जारी है। तीनों राज्यों में मरने वालों की संख्या 123 से अधिक हो गई है। बिहार में 12 जिलों के 47 लाख लोग प्रभावित हैं, जबकि 78 लोगों की मौत हुई। अकेले सीतामढ़ी में 18 और मधुबनी में 14 लोग मारे गए। असम के 33 में से 29 जिले बाढ़ में डूबे हैं। इसके चलते करीब 54 लाख लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। यहां 36 लोगों की मौत हो गई। मौसम विभाग ने केरल के तीन जिलों में अगले तीन दिन के लिए बारिश का रेड अलर्ट जारी कर दिया है। बाढ़ के चलते सबसे गंभीर स्थिति बिहार की है। सीतामढ़ी में सबसे ज्यादा 18 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद मधुबनी में 14, अररिया में 12, शिवहर में 9, दरभंगा में 9, पूर्णिया में 7, किशनगंज में 4, सुपौल में 3 और पूर्वी चंपारण में 2 लोगों की मौत हुई। असम में भी मृतकों का आंकड़ा 36 पहुंच गया। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियां गुवाहाटी समेत राज्य के ज्यादातर जिलों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

असम में गुरुवार को बाढ़ की चपेट में आने से 9 लोगों की मौत हुई। बाढ़ की वजह से बरपेटा की स्थिति सबसे खराब है। जिले के 13.48 लाख लोग घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। मानस नेशनल पार्क और पोबितोरा वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी का बड़ा हिस्सा पानी में डूबा है। इससे 25 लाख बड़े और छोटे वन्यजीवों पर असर पड़ा है। काजीरंगा नेशनल पार्क के 50 से ज्यादा जानवरों की मौत हो गई। इनमें से कई की जान पार्क के बाहर व्यस्त हाईवे पार करते वक्त हुई। प्रशासन ने लोगों के लिए 1080 राहत कैम्प और 689 राहत सामग्री वितरण केंद्र लगाए।

मेघालय में गुरुवार को बाढ़ से दो और लोगों की मौत हुई। इसी के साथ राज्य में आपदा से अब तक आठ लोग मारे जा चुके हैं। बाढ़ से 1.55 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। मौसम विभाग ने केरल के तीन जिलों इडुक्की, कोट्टयम और पथनमथिट्टा में अगले तीन दिन तक भारी बारिश की आशंका जताई है। अगले दो से तीन दिनों में इन शहरों में 20 सेंटीमीटर तक बारिश होने का अनुमान है। इसे देखते हुए इन इलाकों में रेड अलर्ट का ऐलान किया गया है।

केरल और लक्षद्वीप के मछुआरों को तटीय इलाकों से दूर रहने के लिए कहा गया है। पूर्वी और उत्तरी भारत में गुरुवार को भारी बारिश हुई। पंजाब के संगरूर में घग्गर नदी 50 फुट के खतरे के निशान को पार कर गई, जिससे 2 हजार एकड़ का खेती का इलाका पानी में डूब गया। इसके चलते आसपास के गांवों से लोगों को निकालने के लिए सेना बुलानी पड़ी। राजधानी दिल्ली में गुरुवार को बारिश से तापमान में कमी आई। साथी ही प्रदूषण का स्तर भी कम हुआ। सफदरजंग ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक, दिल्ली में बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक 12.1 मिमी बारिश हुई।

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