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भारत का PAK को करारा जवाब, ‘आपने अल्पसंख्यकों के साथ कैसा सलूक किया, सब जानते हैं’

नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान को जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 42वें सेशन में जमकर फटकार लगाई. भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के उन आरोपों पर भी करारा जवाब दिया जिसमें उन्होंने दावा किया था कि भारत में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हो रहा है.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा, “कुछ पाकिस्तानी नेता जम्मू-कश्मीर और अन्य देशों में हिंसा को प्रोत्साहित करने के लिए जिहाद का आह्वान करने के हद तक गए हैं, ताकि एक नरसंहार की तस्वीर बनाई जा सके, जो कि वे भी जानते हैं कि वास्तविकता से बहुत दूर है.”

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का अपना रिकॉर्ड दुनिया को उसकी सच्चाई दिखा रहा है. उसकी यह बयानबाजी पाकिस्तान में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे उत्पीड़न और भेदभाव से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान नहीं हटा सकती.

भारत ने ईसाई महिला आसिया बीबी का उदाहरण सामने रखा. आसिया बीबी को ईशनिंदा के आरोप में कई वर्षों तक कैद में रखा गया और फिर मौत की सजा सुनाई गई थी. हालांकि पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने उसे बरी कर दिया था. भारत ने एक अन्य उदाहरण सिख लड़की जगजीत कौर का रखा जिसका पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अपहरण करके धर्मांतरण और जबरन निकाह कराया गया.

विमर्श आर्यन ने कहा कि अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान का एक अस्थायी प्रावधान था, इसका हालिया संशोधन हमारे संप्रभु अधिकार के भीतर है और पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है. UNHRC में विमर्श आर्यन ने कहा पाकिस्तान फोरम का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहा है.

आर्यन ने कहा, “हम इस मंच का राजनीतिकरण और ध्रुवीकरण करने के उद्देश्य से झूठे आख्यानों के साथ पाकिस्तान के उन्मादपूर्ण बयानों पर आश्चर्यचकित नहीं हैं. पाकिस्तान को लग रहा है कि है कि हमारे फैसले से सीमा पार आतंकवाद के निरंतर प्रायोजन में बाधाएं पैदा हो रही है जिससे उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई है.”

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