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महान कलाकार ग‍िरीश कर्नाड का हुआ निधन, PM नरेंद्र मोदी से लेकर सोनम कपूर तक ने दी श्रद्धांजलि

देश के जाने माने समकालीन लेखक, नाटककार, अभिनेता और फिल्म निर्देशक गिरीश कर्नाड का 81 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और कई बार अस्पताल में भर्ती कराए जा चुके थे। सोमवार की सुबह बंगलूरू स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। 1998 में ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले गिरीश कर्नाड पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित हो चुके हैं।

गिरीश देश के साहित्य, नाटक और फिल्म जगत में बड़ी हस्ती माने जाते रहे हैं। उनके द्वारा रचित हयवदन, तुगलक, तलेदंड, नागमंडल और ययाति जैसे नाटक बहुत लोकप्रिय हुए हैं और भारत की कई भाषाओं में इनका अनुवाद और मंचन होता आ रहा है। नाट्यकला के क्षेत्र में इब्राहीम अलकाजी, अरविंद गौड़ और प्रसन्ना जैसे बड़े निर्देशक इनके नाटकों का शानदार निर्देशन कर चुके हैं।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दुख जताया

उनके निधन से पूरा कला जगत शोक में है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। राष्ट्रपति ने कहा कि कर्नाड के निधन से भारत का सांस्कृतिक जगत सूना हो गया है। उन्होंने ट्वीट किया कि लेखक, अभिनेता और भारतीय रंगमंच के सशक्त हस्ताक्षर गिरीश कर्नाड के देहावसान के बारे में जानकर दुख हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि गिरीश कर्नाड हरेक माध्यमों में अपनी बहुमुखी अभिनय के लिए याद किए जाते रहेंगे। आने वाले सालों में उनके काम की लोकप्रियता बनी रहेगी। उनके निधन से दुखी हूं।

कई पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित

1972: संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
1974: पद्मश्री
1992: पद्मभूषण
1992: कन्नड़ साहित्य अकादमी पुरस्कार
1994: साहित्य अकादमी पुरस्कार
1998: ज्ञानपीठ पुरस्कार

इसके अलावा गिरीश कर्नाड को कालीदास सम्मान, टाटा लिटरेचर लाइव लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार और सिनेमा के क्षेत्र में भी ढेर सारे पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं।

महाराष्ट्र में जन्म, विदेश से पढ़ाई, प्रोफेसर भी रहे
गिरीश कर्नाड का जन्म 19 मई 1938 को माथेरान महाराष्ट्र में हुआ था। एक कोंकणी भाषी परिवार में जन्में कर्नाड ने 1958 में धारवाड़ स्थित कर्नाटक विश्वविद्यालय से स्नातक(ग्रेजुएशन) की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे एक स्कॉलर के रूप में इंग्लैंड चले गए, जहां उन्होंने ऑक्सफोर्ड के लिंकॉन तथा मॅगडेलन महाविद्यालयों से दर्शनशास्त्र, राजनीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर(पोस्ट ग्रेजुएशन) की पढ़ाई की। शिकागो विश्वविद्यालय के फुलब्राइट महाविद्यालय में कर्नाड विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे। इसके बाद वह लेखन, नाटक और फिल्म के क्षेत्र में आ गए।

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