इस मैच में एक समय जब कुलदीप यादव श्रीलंकाई बल्लेबाजों के सामने संघर्ष कर रहे थे, तब कप्तान धोनी ने उन्हें विकेटों के पीछे से आवाज लगाते हुए कहा था, ‘कवर से फील्डर हटाकर प्वॉइंट पर रख ले और बाहर की तरफ गेंद डाल।’
लेकिन धोनी की इस राय को कुलदीप यादव ने फालतू समझा और कहा, ‘नहीं नहीं… रहने दो यह फील्डिंग ज्यादा बेहतर है।’ इस पर माही बुरी तरह भड़क गए और उन्होंने मैदान पर ही कुलदीप को बुरी तरह झाड़ दिया।
धोनी ने कुलदीप यादव को उंगली के इशारे से पास बुलाया और कहा, ‘तुम क्या 300 क्रिकेट मैच खेलने वाले खिलाड़ी को बेवकूफ समझते हो?’ यह बात सुनते ही कुलदीप का चेहरा उतर गया और उन्होंने चुपचाप फील्डिंग में परिवर्तन कर दिया।
अगले ही ओवर में धोनी का फैसला बिलकुल सही साबित हुआ। कुलदीप यादव की गेंद पर श्रीलंका का एक बल्लेबाज प्वॉइंट पर खडे़ फील्डर को कैच थमा बैठा। उस दिन कुलदीप यादव को पहली बार धोनी के अनुभव का एहसास हुआ।
बता दें कि यह कोई पहला ऐसा मौका नहीं था जब धोनी ने किसी प्लेयर को मैदान पर ही फटकार लगाई हो। इससे पहले और इसके बाद भी कई बार ऐसा हो चुका है।
इसी साल दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर सेंचुरियन में खेले गए दूसरे टी-20 मुकाबले में धोनी ने मनीष पांडेय को जमकर लताड़ा था। यह वाकया टीम इंडिया की पारी के आखिरी ओवर का है।
दरअसल धोनी बल्लेबाजी कर रहे थे। आखिरी ओवर की पहली गेंद के बाद धोनी को पांडेय पर चिल्लाते हुए देखा गया था। धोनी ने पांडेय पर भड़कते हुए कहा, ‘ओये…. यहां देख ले..इधर-उधर कहां देख रहा है।’ इस दौरान धोनी पर उनका गुस्सा इस कदर हावी हो गया कि अगली ही गेंद पर उन्होंने जबरदस्त छक्का जड़ दिया।