अद्धयात्म

रविवार का गुडलक: महाअष्टमी पर महागौरी देंगी दुर्घटनाओं से सुरक्षा

रविवार दि॰ 25.03.18 को चैत्र अष्टमी को चैत्र नवरात्र के अंतर्गत अष्टम दुर्गा देवी महागौरी का पूजन किया जाएगा। देवी महागौरी राहु ग्रह पर अपना आधिपत्य रखती हैं। महागौरी मनुष्य के वयोवृद्ध मृत देह की स्थिति को संबोधित करती हैं। शब्द महागौरी का अर्थ है महान देवी गौरी। महागौरी के तेज से संपूर्ण विश्व प्रकाशमय है। इनकी शक्ति अमोघ फलदायिनी है। दुर्गा सप्तशती के अनुसार देवी महागौरी के अंश से कौशिकी का जन्म हुआ जिसने शुंभ-निशुंभ का अंत किया। महागौरी ही महादेव की पत्नी शांभवी हैं।

पौराणिक मतानुसार कालांतर में देवी पार्वती तपस्या के कारण शायमल हो जाती हैं ऐसे में महादेव उन्हें गंगा में स्नान करवाते हैं जिनसे देवी का वर्ण अत्यंत गौर हो जाता है, उनकी छटा चांदनी के सामन श्वेत हो जाती है ऐसे में महादेव देवी उमा को गौर वर्ण का वरदान देते हैं। सफ़ेद वस्त्र धारण किये हुए देवी श्वेत रंग के वृष पर सवार हैं। शास्त्रनुसार चतुर्भुजी देवी महागौरी अपनी ऊपरी दाईं भुजा में अभय मुद्रा से भक्तों को सुख प्रदान करती हैं, नीचे वाली दाईं भुजा में त्रिशूल से संसार पर अंकुश रखती है, ऊपरी बाईं भुजा में डमरू से सम्पूर्ण जगत का निर्वाहन करती हैं व नीचे वाली बाईं भुजा से देवी वरदान देती हैं।

कालपुरूष सिद्धांत के अनुसार महागौरी व्यक्ति की कुंडली के छठे व आठवें भाव पर शासन से व्यक्ति के संबंध शत्रुनाश, रोगनाश, दांपत्य, विवाहबाधा, गृहस्थी व आयु का संचालन करती हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार इनकी दिशा नैत्रिग्य है। महागौरी की साधना उन लोगों हेतु सर्वश्रेष्ठ है जिनकी आजीविका का संबंध शेयर मार्केट, क्लार्क, पुलिस व सिक्योरिटी सर्विसेज से है। महागौरी की अराधना से रोगों का नाश होता है, दांपत्य सुखी रहता है व दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलती है।

विशेष: इस नवरात्रि पर नवमी का क्षय हुआ है अतः आज ही राम नवमी का व्रत रखा जाएगा व राम नवमी पूजन भी आज किया जाएगा। सोमवार दि॰ 26.03.18 को मां सिद्धिदात्री के पूजन के साथ ही नवरात्रि का पारण किया जाएगा।

पूजन विधि: घर के नैऋत्य कोण में दक्षिण-पश्चिम मुखी होकर सफेद कपड़े पर महागौरी का चित्र स्थापित कर उसका दशोपचार पूजन करें। केसर मिले गौघृत का दीप करेंं, मोगरे की धूप करें, सफेद-नीले फूल चढ़ाएं, चंदन से तिलक करें, दूध-शहद चढ़ाएं, व मावे की मिठाई का भोग लगाएं तथा 1 माला इस विशिष्ट मंत्र की जपें। पूजन के बाद भोग कन्या को खिलाएं।

पूजन मंत्र: ॐ महागौर्यै देव्यै: नमः ॥

पूजन मुहूर्त: प्रातः 07:30 से दिन 08:30 तक। (संधि काल विशेष पूजन)

पूजन मुहूर्त: दिन 11:51 से दिन 12:51 तक। (राम नवमी मध्यान कालीन विशेष पूजन)

आज का शुभाशुभ
आज का अभिजीत मुहूर्त: 
दिन 12:03 से दिन 12:51 तक।
आज का अमृत काल: आज नहीं है।
आज का राहु काल: दिन 17:00 से दिन 18:31 तक।
आज का गुलिक काल: प्रातः 15:29 से प्रातः 17:00 तक।
आज का यमगंड काल: प्रातः 12:27 से प्रातः 13:58 तक।

यात्रा मुहूर्त: आज दिशाशूल पश्चिम व राहुकाल वास उत्तर में है। अतः पश्चिम व उत्तर दिशा की यात्रा टालें।

आज का गुडलक ज्ञान
आज का गुडलक कलर:
 लाल।
आज का गुडलक दिशा: पूर्व।
आज का गुडलक मंत्र: ॐ उमायै नमः ॥
आज का गुडलक टाइम: शाम 17:15 से शाम 18:15 तक।

आज का बर्थडे गुडलक: रोगों के नाश हेतु दही पर हल्दी व काली मिर्च छिड़क कर महागौरी पर चढ़ाएं।

आज का एनिवर्सरी गुडलक: सुखी दांपत्य की प्राप्ति हेतु 7 केले नीले धागे में पिरोकर महागौरी पर चढ़ाएं।

गुडलक महागुरु का महा टोटका: दुर्घटनाओं से सुरक्षा हेतु महागौरी पर चढ़े 8 नींबू सिर से वारकर चौराहे पर रख दें।

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