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राजनाथ ने राज्यसभा में कहा—44 विमान दुर्घटनाओं में से अब तक सिर्फ 27 की जांच पूरी

नयी दिल्ली : राज्यसभा में केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि वायु सेना की विभिन्न विमान दुर्घटनाओं की जांच के लिए 44 मामलों में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का गठन किया गया था जिसमें से अब तक केवल 27 की ही जांच पूरी हुई है। श्री सिंह ने सोमवार को सदन में पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि वायु सेना के पास कुल 118 एएन-32 परिवहन विमान हैं, लेकिन केवल उन्हीं विमानों का इस्तेमाल किया जाता है जो हवा में उड़ान भरने के लिए हर तरह से सक्षम हों। उन्होंने कहा कि अब तक 55 एएन-32 विमानों को ‘अपग्रेड’ किया जा चुका है और बाकी को किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन विमानों का भी इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें अपग्रेड नहीं किया गया है, लेकिन इससे पहले यह देखा जाता है कि वह ‘एयरवर्दी’ यानी उड़ने लायक है भी या नहीं।

रक्षा मंत्री ने कहा कि गत जून में अरूणाचल प्रदेश के मेचूका के पास जो एएन-32 विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था उसे अपग्रेड कर उसकी सेवा अवधि बढ़ायी जा चुकी थी। विमान दुर्घटनाओं के कारणों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कभी मानवीय भूल के कारण गड़बड़ी होती है तो कभी बादलों के कारण। जांच में सामने आयी गलतियों को सुधारा जाता है और कई प्रभावी कदम उठाये भी गये हैं। अरूणाचल प्रदेश में जो छोटी हवाई पट्टी (एएलजी) है उसकी लंबाई कम है और उस पर एएन-32 विमानों को आसानी से उतारा जा सकता है। इन विमानों को भी घाटी से गुजर कर जाना होता है और इस दौरान उनके ऊंची चोटियों से टकराने की आशंका बनी रहती है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी वायु सेनाओं के बेड़े में नये और पुराने दोनों तरह के विमान होते हैं। किसी भी वायु सेना के पास सभी विमान नये नहीं हो सकते।

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