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रामलला के दर्शन करेंगे कॉमनवेल्थ देशों के संसदीय प्रतिनिधि

लखनऊ : 18 को कॉमनवेल्थ देशों के प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न राज्यों के स्पीकर व सभापति अयोध्या का भ्रमण करने जाएंगे। वह रामलला के भी दर्शन करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अयोध्या जाने वाला यह पहला अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल होगा। संसदीय सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी सदस्यों को अयोध्या भ्रमण का कार्यक्रम पहली बार रखा गया है। भ्रमण के दौरान सदस्यों को अयोध्या की पौराणिकता से रूबरू कराया जाएगा। उप्र में कॉमनवेल्थ देशों के भारतीय ससंदीय प्रतिनिधियों का सम्मेलन 16 से 19 जनवरी के दौरान लखनऊ में प्रस्तावित है। सम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला करेगें। राज्यसभा के उपसभापति भी शामिल होगें। सम्मेलन में भारतीय क्षेत्र के देश सभी राज्यों की विधानसभाओं के प्रतिनिधियों के साथ कॉमनवेल्थ देशों के सभी 7 अन्य क्षेत्रीय समितियों के 2 या 3 संसदीय प्रतिनिधि ‘आब्जर्बर’के रूप में शामिल होंगे। इस सम्मेलन में देश के राज्यों के विधानसभाओं के अध्यक्ष व विधान परिषदों के सभापति व सचिव भी शामिल होगें। लोकसभा व राज्यसभा के 25-25 सदस्यों की टीम भी होगी। यह आयोजन देश की लोकसभा द्वारा आयोजित होना है। उप्र विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे इसके सचिव बनाए गए है।

प्रतिनिधियों के बीच 16 से 19 जनवरी को संसदीय प्रणाली के विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श कार्यक्रम के साथ 18 जनवरी को अयोध्या भ्रमण का भी कार्यक्रम तय किया गया है। कुल 141 सदस्यों में से 120 ने लखनऊ आने की सहमति दे दी है। इस टीम में कॉमनवेल्थ क्षेत्रीय उपसमिति के लगभग 20 विदेशी प्रतिनिधि भी होगें। अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया था। इसके तहत अयोध्या की 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी गई। शीर्ष अदालत ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बने और इसकी योजना तैयार की जाए। चीफ जस्टिस ने मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दिए जाने का फैसला सुनाया, जो कि विवादित जमीन की करीब दोगुना है।

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