स्वास्थ्य

रोजाना खाएं एक मुट्ठी अखरोट, चंद दिनों में मिलेगा जबरदस्त फायदा

कैलिफोर्निया वालनट कमीशन (सीडब्ल्यूसी) ने रोगों की रोकथाम और स्वास्थ्य में अखरोट की भूमिका पर चर्चा के लिए एक दिवसीय वैज्ञानिक एवं स्वास्थ्य शोध सम्मेलन की मेजबानी की. चिकित्सा जगत के पेशेवरों ने कहा कि एक मुट्ठी अखरोट में 4 ग्राम प्रोटीन, 2 ग्राम फाइबर और मैग्नीशियम (10 प्रतिशत डीवी) होता है. कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. एचके. चोपड़ा ने कहा कि अखरोट एकमात्र ऐसा फल है, जिसमें पादप-आधारित ओमेगा-3 और अल्फा-लिनोलेनिक एसिड प्रचुर मात्रा में होता है, जो मानव शरीर के लिए आवश्यक है. एक मुट्ठी अखरोट में 4 ग्राम प्रोटीन, 2 ग्राम फाइबर और मैग्नीशियम (10 प्रतिशत डीवी) होता है.रोजाना खाएं एक मुट्ठी अखरोट, चंद दिनों में मिलेगा जबरदस्त फायदा

पूरे साल खा सकते हैं अखरोट

पोषक तत्वों से भरा अखरोज पूरे साल खाया जा सकता है. कैलिफोर्निया वालनट कमीशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिशेल मैकनील कॉनेली ने कहा कि यह वैज्ञानिक एवं स्वास्थ्य शोध सम्मेलन भारत में स्वास्थ्य की अवस्था, आहार पद्धति, स्थाई रोगों और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने पर चर्चा के लिए एक मंच है. जो भारत में अखरोट से संबंधित स्वास्थ्य शोध में योगदान दे सकते हैं.

अखरोट खाने के ये हैं फायदे
अखरोट को पसंद करने वाले इसे डर से नहीं खाते हैं कि इसमें कैलोरी ज्यादा होती है और इससे उनका वजन बढ़ सकता है. लेकिन नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अमेरिकी सरकार ने अखरोट में जितनी कैलोरी बताई हुई हैं उससे 21 प्रतिशत कम केलोरी होती हैं. प्रतिष्ठित ‘जनरल ऑफ न्यूट्रीशिन’ में प्रकाशित हुए इस अध्ययन में बताया गया है कि अमेरिका के कृषि विभाग (यूएसडीए) ने अखरोट में जितनी कैलोरी होने की बात कही है. यह अध्ययन डॉ डेविड जे बेयर की अगुवाई में हुआ है, जो यूएसडीएम में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं. इस अध्ययन में यह पाया गया है कि एक अखरोट (28.35 ग्राम) में 146 केलोरी होती हैं न कि 185 केलोरी. आम तौर पर जो कलोरी बताई जाती हैं यह उससे 39 कम है. 

कैंसर, हृदय रोग से बचाए
अखरोट खाने के कई संभावित फायदों को भी बता सकते हैं, जिनमें कैंसर, हृदय और कुछ अन्य बीमारियों के खतरे को कम करना शामिल है. हमारे अनुसंधान से लोगों की कैलोरी संबंधित चिंताओं को कम करने में मदद मिल सकती है और वे अपनी रोज की खुराक में इसे शामिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ हमें वसा ही दें और कम वसा वाले खाद्य पदार्थ हमारे लिए स्वास्थ्यप्रद हों. हमें खाने के लिए किसी चीज का चयन करने से पहले उसमें मौजूद कैलोरी को देखना चाहिए खासतौर पर ट्री नट्स के संदर्भ में.

शुक्राणु बढ़ाने में मददगार
पुरुषों की शुक्राणु संख्या दुनिया भर में एक बड़ी समस्या मानी जाती है और वैज्ञानिकों का कहना है कि इसे बढ़ाने का बहुत आसान तरीका है मुट्ठी भर अखरोट खाना. यूसीएलए स्कूल ऑफ नर्सिंग की प्रोफेसर वेंडी रॉबिन्स ने बताया, ‘अखरोट और पुरुष प्रजनन-क्षमता के संबंध में हमने जो प्राथमिक अनुसंधान किया उसमें हमने भोजन में अखरोट जोड़ने पर शुक्राणुओं के पहलुओं में सुधार पाया जिसने हमारे लिए पुरूष प्रजनन-क्षमता और प्रजनन स्वास्थ्य पर अखरोट के प्रभावों का और अध्ययन करने का एक मंच तय किया.’ वेंडी ने कहा, ‘नई परियोजना चल रही हैं और हमें उम्मीद है कि निकट भविष्य में इसके बारे में आपसे साझा करने में सक्षम होंगे.’ उन्हेंने बताया कि रोजाना 75 ग्राम अखरोट के सेवन से 21 से 35 साल के आयुवर्ग के स्वस्थ पुरुषों के समूह में शुक्राणु जीवन-शक्ति, गतिशीलता और सामान्य आकृति में सुधार हुआ.

ऐंटी-ऑक्सिडेंट भी है अखरोट
अखरोट अकेला ऐसा मेवा है जो पौधा आधारित ओमेगा-3 फैटी ऐसिड- अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए) का शानदार स्रोत है. बहरहाल, एएलए के अलावा अखरोट में उच्च  हैं, और साथ ही अनेक माइक्रो-न्यूट्रिशिएंट भी जिनके बारे में वेंडी का सोचना है कि उन सब का मिला जुला असर पड़ता है. ‘कैलीफोर्निया वालनट कमिशन’ की पोषण सलाहकार कैरोल बर्ग स्लोआन ने कहा कि खाने का रिश्ता मानव प्रजनन सफलता से जोड़ा जाता है. लेकिन ज्यादातर जोर मां के भोजन पर होता है और बहुत कम जोर पिता के भोजन पर होता है. कैरोलन ने कहा कि वेंडी के अध्ययन ने यह जताया है कि पिता के भोजन का प्रभाव ना सिर्फ प्रजनन-क्षमता पर होता है, बल्कि यह बच्चे और आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है.

 

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