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विश्व हिंदी दिवस 2019: जानें- हिंदी दिवस से कितना अलग है ये दिन

आज विश्‍व हिंदी दिवस है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये जागरुकता पैदा करना तथा हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में मजबूत करना है. विश्‍व हिंदी दिवस के मौके पर दुनियाभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिंदी के लिए अनूठे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. साल 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था.

विश्व हिंदी दिवस 2019: जानें- हिंदी दिवस से कितना अलग है ये दिन1975 से भारत, मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद और टोबैगो, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विभिन्न देशों में विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया है. आपको बता दें, विश्व हिंदी दिवस पहली बार 10 जनवरी, 2006 को मनाया गया था. तब से यह हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है.

यहां जानिए क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय हिंदी दिवस

साल 1947 में जब अंग्रेजी हुकूमत से भारत आजाद हुआ तो उसके सामने भाषा को लेकर सबसे बड़ा सवाल था. क्योंकि भारत में सैकड़ों भाषाएं और बोलियां बोली जाती है. 6 दिसंबर 1946 में आजाद भारत का संविधान तैयार करने के लिए संविधान का गठन हुआ. संविधान सभा ने अपना 26 नवंबर 1949 को संविधान के अंतिम प्रारूप को मंजूरी दे दी. आजाद भारत का अपना संविधान 26 जनवरी 1950 से पूरे देश में लागू हुआ.

विश्व हिंदी दिवस: हिंदी से जुड़े वो फैक्ट्स, जो आपको नहीं पता होंगे…
लेकिन भारत की कौन सी राष्ट्रभाषा चुनी जाएगी ये मुद्दा काफी अहम था. काफी सोच विचार के बाद हिम्दी और अंग्रेजी को नए राष्ट्र की भाषा चुना गया. संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिन्दी को अंग्रजों के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया था. 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से निर्णय लिया कि हिंदी ही भारत की राजभाषा होगी.

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि इस दिन के महत्व देखते हुए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाए. बता दें, पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 में मनाया गया था.

विश्व हिंदी दिवस

विश्व हिंदी दिवस को मानने का उद्देश्य हिंदी भाषा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देना है. ताकि दुनिया का हर देश इस भाषा से रूबरू हो सके

पहला विश्व हिंदी सम्मेलन

नागपुर में 10 जनवरी 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था. बता दें, 10 जनवरी 2006 तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इस दिन को प्रति वर्ष विश्व हिंदी दिवस के रूप मनाए जाने की घोषणा की थी.

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