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संगीतकार खय्याम पुलवामा हमले में मारे गये शहीदों के परिवार को देंगे 5 लाख रुपए की मदद

अमिताभ बच्चन के बाद अब ख्यात संगीतकार खय्याम शहीदों के परिवार की मदद के लिए आगे आए हैं. उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिवार को पांच लाख रुपए की मदद देने की घोषणा की है. खय्याम ने अपना 92 वां जन्मदिन भी बेहद सादगीपूर्ण तरीके से मनाया. उर्दू अवॉर्ड से उन्हें उनके घर पर सम्मानित भी किया गया.

इस दौरान खय्याम ने जवानों की शहादत को कभी न भुलाया जा सकने वाला बताया. उन्होंने शहीदों के परिवार को पांच लाख रुपए देने का फैसला किया. खय्याम ने पत्रकारों से कहा, ‘पुलवामा में जो कुछ हुआ है, उससे मैं बहुत दुखी हूं, इसलिए मुझे अपना जन्मदिन मनाने का मन नहीं हुआ. हमले में जिन्होंने अपने परिवार के सदस्य को खोया है, उन परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.’

खय्याम ने आगे कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार इन मुद्दों का समाधान जल्द ही निकालेगी. हमने प्रधानमंत्री राहत कोष में 5 लाख रुपये दान करने का फैसला किया है और हम शहीदों के परिवारों का समर्थन करने के लिए अपने ट्रस्ट के माध्यम से अधिक धनराशि दान करने का प्रयास कर रहे हैं. बता दें कि  खय्याम ने 2016 में अपने 90वें जन्मदिन पर 10 करोड़ रुपए की संपत्त‍ि दान कर दी थी.

जानें कौन हैं खय्याम?

खय्याम का पूरा नाम मोहम्‍मद जहूर हाशमी है. खय्याम की दिलचस्पी शुरू से ही संगीत की ओर थी, लेकिन जब दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जोर शोर से सेना में भर्तियां हुईं तो खय्याम  ने भी सेना जॉइन कर ली थी. लेकिन दो साल बाद ही उन्होंने ये नौकरी छोड़ दी और एक्टर बनने मुंबई चले गए. उन्हें बतौर एक्टर 1948 में एसडी नारंग की फिल्म ‘ये है जिंदगी’ में मौका मिला, लेकिन इसके बाद फिर किसी फिल्म में उन्होंने एक्ट‍िंग नहीं की. खय्याम ने पहली बार फ़िल्म ‘हीर रांझा’ में संगीत दिया लेकिन मोहम्मद रफ़ी के गीत ‘अकेले में वह घबराते तो होंगे’ से उन्हें पहचान मिली. फ़िल्म ‘शोला और शबनम’ ने उन्हें संगीतकार के रूप में स्थापित कर दिया.

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