दस्तक-विशेषराष्ट्रीय

सोमवार: भगवान शिव अथवा चन्द्रमा- किसके पूजन का दिन

lord shivसनातन धर्म के पुराणों अनुसार सप्ताह के सात दिन किसी न किसी देवता को समर्पित होते हैं। उस दिन उनकी पूजा अराधना करने से अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है। सोमवार को भोले बाबा का पूजन करने से वो जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों पर अपनी अनुकंपा बनाए रखते हैं। इस दिन न केवल भोले बाबा की बल्कि चन्द्रमा की पूजा का भी विधान है। सोमवार के दिन किए जाने वाले उपवास को सोमेश्वर व्रत कहा जाता है। सोमेश्वर शब्द का पहला अर्थ है– सोम अर्थात चन्द्रमा। चन्द्रमा को भगवान मानते हुए उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूजन और उपवास करना। चन्द्रमा को सुख और आनंद की अनुभुती माना जाता है। पूर्णज्ञानी और सिद्ध योगी का मन सदा आनंदित रहता है।
सोमेश्वर शब्द का दूसरा अर्थ है- देवों के देव महादेव भोले बाबा की अराधना करना। शुक्ल पक्ष की द्वितीया, प्रदोष, पूर्णिमा को पूजन और अभिषेक से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। कच्चे दूध से रूद्र अभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि चन्द्रमा ने भगवान शिव को अपने तप से प्रसन्न कर रोगमुक्ती और सुंदरता का वरदान पाया था। फिर उन्होंने दूज यानी द्वितीया तिथि के चन्द्रमा को अपनी जटाओं में मुकुट की तरह धारण किया। सनातन धर्म में बहुत से विद्वान मानते हैं की सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव के साथ चन्द्रदेव का पूजन भी हो जाता है।

Related Articles

Back to top button