अद्धयात्म

104 साल बाद पूर्णिमा पर सदी का सबसे लंबा “चंद्र ग्रहण” 103 मिनट तक रहेगा इसका असर

जैसा की आप सब जानते हैं कि हिन्दू धर्म के अनुसार चंद्र ग्रहण को अशुभ माना जाता है यानी इसका प्रभाव शुभ नहीं माना जाता. खगोलीय दृष्टि से चंद्र ग्रहण के समय धरती अपनी धूरी पर भ्रमण करते हैं और चन्द्रमा व सूर्य के बीच आ जाती है तो उस समय चंद्रमा का पूरा या आधा भाग ढक जाता है. इसी प्रकिया को चंद्र ग्रहण कहते है. 27 जुलाई की रात ऐसी रात होगी जब आसमान में चाँद का कुछ अलग ही नजारा देखने को मिलेगा.

इस रात 21 वीं सदी का सबसे लंबा और पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा. बता दें कि वैज्ञानिकों ने इस चंद्र ग्रहण को ‘ब्‍लड मून’ (Blood Moon) का नाम दिया है. इतना ही नहीं ये चंद्र ग्रहण 1 घंटे और 43 मिनट तक चलेगा, इससे पहले आपको याद होगा कि 31 जनवरी को भी एक ऐसा ही गरहन लगा था जिसे सुपर ब्लू ब्लड मून का नाम दिया था ये उसके मुकाबले 40 मिनट लंबा होगा. जैसा की आप सब जानते हैं कि ग्रहण को अशुभ माना जाता है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जो चंद्र ग्रहण इस बार लगने वाला है वो गुरु पूर्णिमा के दिन आएगा. बता दें कि आषाढ माह की शुक्ल पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा कहा जाता है. इस दिन देशभर में लोग अपने गुरू को आराध्य मानकर पूजन करते हैं. ऐसा करने से गुरू की कृपा बनी रहती है. शायद आप नहीं जानते होंगे लेकिन इस बार गुरू पूर्णिमा कई तरह से खास है.

Related Articles

Back to top button