अन्तर्राष्ट्रीय

15 भारतीयों को दूसरी जिंदगी देने वाले वाले इस सख्स को सलाम,दुबई सरकार ने सुनाया था मौत का फरमान

शराब तस्करी और हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने पर संयुक्त राज्य अमीरात (यूएई) में मृत्युदंड की सजा प्राप्त 15 भारतीयों को बचा लिया गया है। इन सभी को मौत की सजा से बचाने में एक होटल के मालिक और समाजसेवी एसपी सिंह ओबेरॉय का अहम योगदान है। इनमें से 14 भारतीय अपने वतन वापस लौट आए हैं वहीं एक शख्स के कुछ दिनों में भारत लौटने की उम्मीद है। उनके कागजात तैयार किए जा रहे हैं।

जालंधर में मीडिया से मुखातिब होते हुए दुबई में रहने वाले एसपी सिंह ओबेरॉय ने कहा कि यूएई जाने वाले पंजाबी युवकों को शराब तस्करी के चंगुल से बचना सीखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूएई में शराब तस्करी की वजह से दो गुटों में आपस में टकराव और अगर इसमें किसी की मौत हो जाती है तो वहां के सख्त कानून की तहत दोषी को मृत्युदंड की सजा सुनाई जाती है।
उन्होंने बताया कि पांच व्यक्ति- अमृतसर के हरविंदर सिंह, नवानशहर के रंजीत सिंह, होशियारपुर के दलविंदर सिंह, पटियाला के सूचा सिंह और बिहार के धर्मेंद्र कुमार को 2011 में यूपी के आजमगढ़ निवासी वीरेंद्र चौहान की हत्या के सिलसिले में शारजाह में मृत्युदंड की सजा मिली थी।

ब्लड मनी देकर परिवार को मनाया गया.
वहीं 10 पंजाब के रहने वाले युवक अबूधाबी में पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद फरहान की हत्या के चलते फांसी की सजा झेल रहे थे। उन्हें 2016 में मौत की सजा मिली थी। ओबेरॉय ने बताया कि उन्होंने मृतकों के परिवारों से संपर्क किया और वहां के कानून के मुताबिक ब्लड मनी को स्वीकार करने के लिए उन्हें राजी कराया।

ब्लड मनी यूएई के कानून के मुताबिक गैर इरादतन हत्या के मामले में पीड़ित के परिवार को बतौर मुआवजे दी जाने वाली राशि होती है। उन्होंने बताया कि भारतीयों छुड़ाने के लिए सरबत दा भाला ट्रस्ट की ओर से बड़ी रकम चुकाई जा चुकी है।

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