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CM रहते हुए सड़क पर सोए थे केजरीवाल, मनमोहन के घर का भी कर चुकें है घेराव

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सियासत में धरना हमेशा सबसे बड़ा हथियार रहा है. अपने धरने की जरिए केजरीवाल कई बार चर्चाओं के केंद्र में भी रहे हैं. एक बार फिर वे धरने पर हैं. इस बार वे उपराज्यपाल अनिल बैजल के खिलाफ उन्हीं के ऑफिस में धरने पर बैठे हैं. एलजी के बहाने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने में जुटे हैं. उनकी ये रणनीति कुछ हद तक सफल भी होती दिख रही है क्योंकि उन्हें इस मुद्दे पर चार मुख्यमंत्रियों के अलावा कई विपक्षी नेताओं का भी साथ मिल गया है. इस मौके पर आइए जानते हैं इससे पहले कब-कब केजरीवाल का धरना काफी चर्चा में रहा…

2011 में केजरीवाल ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के साथ आंदोलन और भूख हड़ताल की थी. ये आंदोलन काफी चर्चा में रहा था और इसे आम लोगों का समर्थन भी मिला था. ये आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ था और जनलोकपाल लाने की मांग की गई थी.

2012 में भी केजरीवाल ने भ्रष्टाचार को लेकर प्रदर्शन किया था. तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के घर की ओर उन्होंने मार्च भी किया था.

जनवरी 2014 में बतौर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ धरना दिया था. इसकी वजह से कुछ तबकों में उनकी आलोचना भी हुई थी और शहर में लोगों ने ट्रैफिक जाम की भी शिकायत की थी.

2014 के धरने के दौरान केजरीवाल ने तीन पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड करने और दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के अधीन लाने की मांग की थी. उन्होंने रेल भवन के सामने धरना देते हुए सड़क किनारे रात भी गुजारी थी.

आपको बता दें कि फिलहाल केजरीवाल एलजी के खिलाफ धरने पर बैठे हैं. केजरीवाल की 3 मांगें हैं- 1. एलजी खुद IAS अधिकारियों की गैरकानूनी हड़ताल तुरंत खत्म कराएं, क्योंकि वो सर्विस विभाग के मुखिया हैं. 2. काम रोकने वाले IAS अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लें. 3. राशन की डोर-स्टेप-डिलीवरी की योजना को मंजूर करें.

एलजी के खिलाफ केजरीवाल और उनके मंत्रियों के धरने का आज 7वां दिन है. दूसरी ओर, केजरीवाल की मांगों के समर्थन में आम आदमी पार्टी ने शाम 4 बजे प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने का एलान किया है.

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