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पूर्वमंत्री आजम खान, विधायक अब्दुल्ला, पूर्व विधायक नारद राय को मिली जमानत

प्रयागराज । प्रदेश के कद्दावर सपा नेता पूर्व मंत्री मो. आजम खान उनके पुत्र स्वार से विधायक मो.अब्दुल्लाह खान की 2008 के थाना छजलैट मुरादाबाद के मामले में धारा 147, 341, 353 आईपीसी एवम 7 क्रिमिनल अमेंडमेंट एक्ट में समर्पण करने पर जमानत स्वीकार कर ली गयी। यह आदेश विशेष जज एमपी एमएलए पवन कुमार तिवारी ने आजम खान व अब्दुल्ला खान के वकील एस.ए नसीम (गुड्डू) तथा सरकार की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार गुप्ता को सुनकर दिया। उक्त प्रकरण में आरोप है कि 2 जनवरी 2008 को थानाध्यक्ष छजलैट मुरादाबाद संदिग्ध पजेरो गाड़ी जिसमे लाल बत्ती व काला शीशा लगा हुआ था, को चेक करने खड़े थे तभी उक्त गाड़ी संख्या यूपी 32 बी ए 6525 लाल बत्ती व काला शीशा लगा हुआ आई जिसे रोकने पर गाड़ी चालक व पीछे बैठे आजम खान उतर आये और धमकी देते हुए कहा कि गाड़ी रोकने की हिम्मत कैसे हुई और वहीं पर जमीन पर बैठ गए तथा फोन कर अपने समर्थकों को बुला लिया। जहां कई लोग आ गये सार्वजनिक रास्ते पर आम जन का चलना मुश्किल हो गया। वे लोग सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। आजम खान ने कहा कि अपनी गाड़ी में आग लगवा दूंगा पूरा प्रदेश जल उठेगा। उसी भीड़ में दोनों लोग गाड़ी लेकर चले गए। उक्त मामले में 9 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र लगाया गया जिसमें पूर्व मंत्री महबूब अली, डीपी यादव, राजेश यादव, राजकुमार प्रजापति को आरोपी बनाया गया था। बहस के दौरान अधिवक्ता एस.ए नसीम ने कहा कि आजम खान 1980 से लगातार 9 बार के विधायक, 5 बार मंत्री 2002-2003 में विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं तथा मौलाना जौहर अली विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं आजीवन वाईस चान्सलर हैं। मुकदमा राजनैतिक रंजिश में लिखाया गया है, क्योंकि उस समय प्रदेश में बसपा की सरकार थी। वहीं बलिया के पूर्व विधायक नारद राय को आचार संहिता के उल्लंघन के दो मामलों तथा 2007 में अम्बिका चैधरी के साथ प्रशासनिक अधिकारियों को अपमान जनक शब्दों के प्रयोग करने के लिए लगाए गए मुकदमे में समर्पण के बाद जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया।

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