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डॉक्टरों पर पथराव करने पर चार पर लगा रासुका


इंदौर। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम में लगी सरकारी अमले की टीम पर इंदौर की टाट पट्टी बाखल में पथराव करने वालों में से चार लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की गई है।

ज्ञात हो कि बुधवार को कोरोना वायरस पीड़ितों का सर्वे करने गई टीम पर रानीपुरा के टाटपटटी बाखल क्षेत्र में पथराव हुआ था। इस घटना पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त नाराजगी जताते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देष दिए थे। उसी के बाद जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी मनीष सिंह ने गुरुवार की रात को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा तीन की उपधारा दो के तहत चार व्यक्तियों पर रासुका की कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेजे जाने के आदेश जारी किए हैं। जिला दंडाधिकारी इंदौर ने गिरफ्तार किए गए इन दोषियों को केंद्रीय जेल रीवा में रखे जाने के आदेश दिए हैं।

पथराव की घटना में शामिल मोहम्मद मुस्तफा, पिता हाजी मोहम्मद इस्माइल, उम्र 28 साल, मोहम्मद गुलरेज, पिता हाजी अब्दुल गनी, उम्र 32 साल, सोयब उर्फ सोभी, पिता मोहम्मद मुख्तियार, उम्र 36 साल और मज्जू उर्फ मजीद, पिता अब्दुल गफूर , उम्र 48 साल पर रासुका की कार्रवाई की गई है।
पुलिस उप महानिरीक्षक हरी नारायण चारी मिश्रा ने  बताया है कि पथराव करने वालों की वीडियो फुटेज से पहचान की जा रही है। चार पर रासुका की कार्रवाई की गई है और अन्य की पहचान की जा रही है।

रासुका क्या होता है?

रासुका का पूरा नाम राष्ट्रीय सुरक्षा कानून है। यदि किसी व्यक्ति ने कोई ऐसा काम किया है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा का खतरा होता है तो कानून केंद्र और राज्य सरकार को किसी भी संदिग्ध नागरिक को हिरासत में लेने की शक्ति देता हैै। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980, देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देने से संबंधित एक कानून है।

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