दस्तक टाइम्स/एजेंसी: नई दिल्ली: बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि विकास के मुख्य मुद्दे से ध्यान हटाने वाले भाजपा नेताओं के बयान बिहार में पार्टी की हार का कारण बने। जेटली ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, ‘मैंने कई बार ऐसे मामलों में हस्तक्षेप कर स्थिति को संभाला, लेकिन मीडिया के कैमरे को विकास के मुद्दे से ध्यान भटकाने वाले लोगों से खासा लगाव होता है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धुआंधार प्रचार के बावजूद बीजेपी को बिहार में नीतीश कुमार और लालू यादव के गठजोड़ वाले महागठबंधन से करारी हार का सामना करना पड़ा है। महागठबंधन ने राज्य की 243 में से 178 सीटों पर कब्जा जमाया जबकि भाजपा के सिर्फ 53 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। मोदी ने बिहार में करीब 30 रैलियों को संबोधित किया था। राज्य के लिए उन्होंने बड़े आर्थिक पैकेज की भी घोषणा की, लेकिन इसके बावजूद चुनावी नतीजे भाजपा के लिहाज से निराशाजनक रहे।
चुनाव में एक साथ काम करते हैं कई फैक्टर
क्या बीजेपी ने इन चुनावों को प्रतिष्ठा की लड़ाई बना लिया था और परिणाम से मोदी की छवि कहीं न कहीं प्रभावित हुई है, इस सवाल पर जेटली ने कहा, ‘मोदी के चुनाव प्रचार का मुख्य चेहरा होने में कुछ भी गलत नहीं है। प्रचार में पीएम का एक हद तक असर रहा लेकिन कोई भी चुनाव केवल एक फैक्टर से हारे या जीते नहीं जाते। इसके पीछे कई कारक काम करते हैं। ‘
हार मोदी के लिए बड़ा झटका
राजनीतिक विश्लेषकों और आलोचकों की राय के मुताबिक, यह हार पिछले साल हुए आम चुनाव के बाद लोगों पर खासा असर डालने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बड़ा झटका है। मोदी की अगुवाई में भाजपा नीत एनडीए ने 30 सालों में सबसे बड़ा जनादेश हासिल किया था। इस हार को निवेश को बढ़ावा देने के लिए जरूरी आर्थिक सुधार और देश के युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने में उनकी नाकामी से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
राष्ट्रीय राजनीति पर पड़ेगा असर
बिहार के चुनाव परिणामों का राष्ट्रीय राजनीति पर दूरगामी प्रभाव पड़ने की संभावना है।एकजुट विपक्षी पार्टियां अब संसद के जरिये मोदी सरकार की आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने योजना की राह में रोड़ा बन सकती हैं। इस एजेंडे में सबसे अहम वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) बिल है। इस बिल को लोकसभा पास कर चुकी है। लोकसभा में सरकार के पास बहुमत है लेकिन राज्यसभा में विपक्ष की अड़चनों के चलते यह बिल अब तक पास नहीं हो सका है। वैसे जीएसटी जैसे बड़े बिलों के के अटके होने के संबंध में वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि बिहार खपत वाला राज्य है, इसलिए इस बिल का समर्थन करेगा।
प्रभावित नहीं होगी आर्थिक सुधार की प्रक्रिया
इस बीच, जेटली ने कहा कि इन नतीजों के कारण आर्थिक सुधार की प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी।उन्होंने कहा, ‘मैं इसे अर्थव्यवस्था के लिए झटका नहीं मानता। ढांचागत सुधार प्रक्रिया बरकरार रहेगी। ‘ यह पूछने पर कि क्या बिहार चुनाव केंद्र की नीतियों के लिए जनमत संग्रह था, जेटली ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘जनमत संग्रह शब्द का उपयोग बड़ी लापरवाही से होता है। हर चुनाव जनमत संग्रह नहीं होता। किसी राज्य का चुनाव जनमत संग्रह नहीं होता। आप किसी एक मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ रहे।’ उन्होंने कहा कि भाजपा की मतों की हिस्सेदारी कम नहीं हुई है और महागठबंधन की जीत इसलिए हुई कि विभिन्न विपक्षी दल एकजुट हो गए।
सुधार प्रक्रिया के संबंध में जेटली ने कहा कि सरकार अधिशासी पहलों और बजट प्रावधानों के जरिए इसे बरकरार रखेगी। अगला आम बजट फरवरी 2016 में पेश किया जाएगा। (एजेंसी के भी इनपुट)