अस्पतालों में मरीजों के कमरे के किराये पर जीएसटी नहीं लगेगा। वहीं भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने अखिल भारतीय आधार पर जीएसटी एप्लिकेशन सर्विस की शुरुआत की है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने मंगलवार को विभिन्न आश्रय स्थलों पर लगने वाले जीएसटी पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि होटलों, गेस्ट हाउसों या विश्राम स्थलों के कमरों पर कर वास्तविक राशि पर देय होगा और न तो इसकी घोषणा की जाएगी और न ही प्रकाशित किया जाएगा। अस्पतालों में मरीजों द्वारा लिए गए कमरे के किराये पर जीएसटी नहीं देना होगा।
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बीएसएनल ने शुरू की जीएसटी एप्लिकेशन सर्विस
जीएसटी के दायरे में आने वाले छोटे शहरों, कस्बों या गांवों के कारोबारी अब किसी अकाउंटेंट या चार्टर्ड अकाउंटेंट की सहायता के बिना भी नि:शुल्क जीएसटी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने अखिल भारतीय आधार पर जीएसटी एप्लिकेशन सर्विस की शुरुआत की है।
बीएसएनएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने मंगलवार को यहां इस सेवा की शुरुआत करते हुए बताया कि इसे मझोले तथा छोटे शहरों के वैसे कारोबारियों को लक्ष्य कर तैयार किया गया है, जो किसी सीए या अकाउंटेंट की सेवा नहीं ले सकते।
जीएसटी के दायरे में आने वाले छोटे शहरों, कस्बों या गांवों के कारोबारी अब किसी अकाउंटेंट या चार्टर्ड अकाउंटेंट की सहायता के बिना भी नि:शुल्क जीएसटी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) ने अखिल भारतीय आधार पर जीएसटी एप्लिकेशन सर्विस की शुरुआत की है।
बीएसएनएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने मंगलवार को यहां इस सेवा की शुरुआत करते हुए बताया कि इसे मझोले तथा छोटे शहरों के वैसे कारोबारियों को लक्ष्य कर तैयार किया गया है, जो किसी सीए या अकाउंटेंट की सेवा नहीं ले सकते।
इस सेवा की शुरुआत के लिए बीएसएनएल ने मेसर्स मास्टर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी की है। इसमें कारोबारी रिटर्न तैयार कर सकते हैं, जीएसटी चालान निकाल सकते हैं, जीएसटी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं और बेमेल इनवॉयस वापस लौटा सकते हैं।
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कारोबारियों के लिए शुरुआत में कंपनी ने तीन योजनाओं की घोषणा की है। पहली योजना बेसिक है, जिसमें कारोबारी नि:शुल्क जीएसटी रिटर्न दायर कर सकेंगे। इसमें महीने में अधिकतम दो हजार इनवॉयस अपलोड करने की सुविधा होगी।
दूसरी योजना प्लस है, जिसमें हर महीने 2,000 से 6,000 इनवॉयस अपलोड करने की सुविधा होगी। इसके लिए कारोबारी को हर साल 2,000 रुपये देने होंगे। तीसरी योजना प्रो है, जिसमें कारोबारी असीमित संख्या में इनवॉयस अपलोड कर रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। इसके लिए प्रति इनवॉयस एक रुपया का शुल्क लिया जाएगा।