राजनीति

कर्नाटक विधानसभा चुनाव: ऐक्‍शन में आरएसएस, बीजेपी को मिली बड़ी राहत

दक्षिण भारत के प्रवेश द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक में कमल खिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने पूरा जोर लगा दिया है। विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस से मिल रही कड़ी टक्‍कर के बीच राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ ने चुपचाप तरीके से राज्‍य में अपने स्‍वयंसेवकों को एकजुट करना शुरू कर दिया है। आरएसएस के ऐक्‍शन में आने से लिंगायत मुद्दे पर दबाव में आई बीजेपी को बड़ी राहत मिली है।पर्दे के पीछे से काम करते हुए आरएसएस हिंदुत्‍व और हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्‍या के मुद्दे को उठा रही है। आरएसएस के पदाधिकारी मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए अपने संगठनात्‍मक नेटवर्क का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। पूरे देशभर से कम से कम 28 वरिष्‍ठ प्रचारकों ने बेंगलुरु में डेरा डाल दिया है। ये प्रचारक राज्‍यभर में अपनी शाखाओं से संपर्क कर रहे हैं। 

उत्‍तरी कर्नाटक और तटीय इलाकों पर करेंगे फोकस 
आरएसएस पदाधिकारियों के मुताबिक उनके प्रचारक और कार्यकर्ता मुख्‍य रूप से अभी उत्‍तरी कर्नाटक और तटीय इलाकों पर फोकस करेंगे। इस इलाके में 80 से 100 सीटें आती हैं जो चुनाव में बहुमत हासिल करने के लिहाज से काफी महत्‍वपूर्ण हैं। आरएसएस को लिंगायत और वीरशैव के मतभेदों और उसके इलाके पर प्रभाव को निष्‍फल करने का काम दिया गया है। 

आरएसएस के प्रचारक इस इलाके में जाकर यह संदेश प्रसारित करेंगे कि कांग्रेस हिंदुओं को बांट रही है। तटीय जिलों और मैसूर में हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्‍या पर फोकस किया जाएगा। राज्‍य की अपनी यात्रा के दौरान अमित शाह ने भी इसे चुनावी मुद्दा बताया था और अपने कई भाषणों में इसका जिक्र भी किया था। 

आरएसएस और बीजेपी मिलकर करेंगे कांग्रेस का मुकाबला 
आरएसएस के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘तटीय इलाकों में हमारे बल देने से कार्यकर्ताओं के अंदर पॉप्‍युलर फ्रंट ऑफ इंडिया और सो‍शिलिस्‍ट डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया के खिलाफ ऊर्जा का संचार होगा।’ उन्‍होंने बताया कि आरएसएस की स्‍थानीय इकाई अगर जरूरत पड़ी तो बीजेपी नेताओं के साथ मिलकर काम करेगी। 

बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि पार्टी काडर को एकजुट करने का पूरा काम आरएसएस के वरिष्‍ठ नेताओं को दे दिया गया है। सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील तटीय जिलों में आरएसएस और बीजेपी मिलकर कांग्रेस तथा कट्टर अल्‍पसंख्‍यक गुटों के खिलाफ मोर्चा संभालेंगी। 

 
 
 

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