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केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला: सरकार ने एयर इंडिया को बेचने का प्लान ठंडे बस्ते में डाला

पिछले कुछ समय से एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने की कोश‍िश में जुटी केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. मंगलवार को केंद्रीय उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा है कि फिलहाल व‍िन‍िवेश का फैसला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. हम एयरलाइन की हालत सुधारने पर ध्यान देंगे.

केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला: सरकार ने एयर इंडिया को बेचने का प्लान ठंडे बस्ते में डालाजयंत सिन्हा ने कहा, ”एयरलाइन इंडस्ट्री की हालत को देखते हुए हम फिलहाल व‍िन‍िवेश का फैसला नहीं ले रहे हैं. इसकी बजाय हम एयरलाइन के रिवाइल प्लान पर काम करेंगे.” बता दें कि केंद्र सरकार लगातार कर्ज के बोझ तले दबी एयर इंडिया में हिस्सेदारी बेचने की कोश‍िश में जुटी थी. हालांकि इस डील पर अभी कोई सार्थक पहल हो नहीं सकी है.

इसी साल मई में एयर इंडिया को बेचने की खातिर केंद्र सरकार ने 160 प्रश्नों का उत्तर देकर सभी शंकाएं दूर की थीं. लेक‍िन उसके बाद भी अभी किसी प्लेयर ने इस डील में खास रुच‍ि नहीं दिखाई है. केंद्र सरकार ने एयर इंडिया की 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव रखा है. जिसमें 24 फीसदी हिस्सेदारी सरकार के पास ही रहेगी. इस तरह सरकार ने खुद के लिए एयरलाइन के कामकाज में शाम‍िल होने के ल‍िए दरवाजे खुले रखे हैं.

सिर्फ यही एक वजह नहीं है, जिससे खरीदार दूर भाग रहे हैं. इसके अलावा जो भी एयर इंडिया खरीदेगा. उसे एयरलाइन के 48,781 करोड़ के कर्ज में से 33,392 करोड़ रुपये का कर्ज भी अपने ऊपर लेना होगा.

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