कोरोना वायरस: भारतीय रेलवे कारखानों में एक दिन में तैयार किए 1000 पीपीई
नई दिल्ली: कोरोना संक्रमण रोकने के लिए रेलवे अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है। रेलवे कारखानों में पर्सनल प्रोटेक्टिव ईक्विपमेंट (पीपीई), मास्क व सैनिटाइजर बनाया जा रहा है जिससे कि कोरोना संक्रमितों के इलाज, क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए लोगों की देखभाल व अन्य जरूरी सेवा में लगे लोगों को संक्रमित होने से बचाया जा सके।
उत्तर रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि रेलवे अस्पतालों में डॉक्टर, अन्य स्वास्थ्य कर्मी और सफाई कर्मी मरीजों की सेवा व साफ सफाई के काम में लगे हुए हैं। रेलवे अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाने के साथ ही कई स्थानों पर रेल परिसरों में क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। यहां तैनात कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। संसाधन की कमी नहीं होने दी जाएगी।
इसी तरह से मालगाड़ी व विशेष पार्सल ट्रेनों का निर्बाध परिचालन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में रेलकर्मी ड्यूटी पर पहुंच रहे हैं। कार्यालयों में भी 33 फीसद कर्मचारी व अधिकारी पहुंचने लगे हैं। इन सबकी सुरक्षा जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए रेल कारखानों में इन पीपीई किट, मास्क व सैनिटाइजर बनाने के काम में तेजी लाई जा रही है। अबतक उत्तर रेलवे के कारखानों में 2464 पीपीई किट तैयार किए गए हैं जिसमें से 1003 किट सिर्फ 19 अप्रैल बनाए गए हैं।
इस तरह से अब एक दिन में एक हजार से ज्यादा किट बन सकेंगे। इसी तरह से इन कारखानों में 32682 मास्क और 4715 लीटर सैनिटाइजर भी तैयार किया गया है। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में जगह की कमी नहीं हो इसके लिए 540 रेल कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया है। जरूरत पड़ने कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदलने के काम में तेजी लाई जाएगी।