राजनीति

तमाम मतभेदों को भुलाकर मिलकर काम करने के अलावा कोई विकल्‍प नहीं है : सोनिया गांधी

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक में तमाम मतभेदों को भुलाकर मिलकर काम करने की जरूरत बताई। उन्‍होंने कहा कि इसके अलावा कोई विकल्‍प नहीं है। बैठक में कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके, शिवसेना, जेएमएम, सीपीआई, सीपीएम, नेशनल कॉन्‍फ्रेंस, आरजेडी, एआईयूडीएफ, वीसीके, लोकतांत्रिक जनता दल, जेडीएस, आरएलडी, आरएसपी, केरल कांग्रेस मनीला, पीडीपी और आईयूएमएल के प्रतिनिधियों ने शिरकत की।

सोनिया गाँधी ने बैठक में कहा, ‘हम सभी की अपनी बाध्‍यताएं/ सीमाएं हैं, लेकिन समय आ गया है कि देश के हित में हम इन बातों से ऊपर उठें।’ उन्‍होंने कहा, ‘2024 के आम चुनाव अंतिम लक्ष्‍य हैं। यह एक चुनौती है लेकिन एकजुट होकर हम ऐसा कर सकते हैं। हमें ऐसा करना ही होगा क्‍योंकि एक साथ मिलकर काम करने के अलावा कोई विकल्‍प नहीं है।’ उन्‍होंने विपक्षी पाटियों से देश को ऐसी सरकार बनाने की योजना बनाने को कहा जो देश के स्‍वाधीनता आंदोलन के मूल्‍यों और संविधान के सिद्धांतों पर विश्‍वास करती हो।बैठक में विपक्ष की एकजुटता को मज़बूत करने और अहम मुद्दों पर एक साझा रणनीति तैयार करने से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई।

सूत्रों के मुताबिक, इसमें अगले साल होने वाले विधान सभा चुनावों में विपक्षी दलों की एकजुटता बढ़ाने के विकल्पों पर भी बात हुई। 19 पार्टियों की इस बैठक में सोनिया ने कहा कि विपक्ष को वर्ष 2024 के आम चुनाव के लिए व्‍यवस्थित योजना बनानी होगी और दबाव/बाध्‍यताओं से ऊपर उठना होगा। ज्ञात रहे कि कुछ समय पहले ही तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर अगले लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी दलों की एकजुटता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बड़े स्तर पर पहल की वकालत की थी।

विपक्षी दल राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के वास्ते एकजुट होने के लिए प्रयासरत हैं ताकि अगले लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से कड़ी चुनौती पेश की जा सके। हाल ही में संपन्न हुए संसद के मानसून सत्र के दौरान पेगासस जासूसी विवाद, किसान आंदोलन और महंगाई के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता देखने को मिली। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी विपक्षी एकजुटता की पूरी कवायद के केंद्रबिंदु नजर आए। सोनिया गांधी ने यह बैठक पेगासस जासूसी विवाद और इसे लेकर संसद के हाल में संपन्न मानसून सत्र में हुए हंगामे को लेकर जारी आरोप-प्रत्यारोप के बीच बुलाई।

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