एजेंसी/ नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय के द्वारा हाल ही में यह बात सामने आई है कि दो करोड़ रुपए तक के बिज़नेस करने वाली छोटी कंपनियो के द्वारा अनुमानित कराधान योजना का विकल्प अपनाने पर उन्हें अपने खाते का ऑडिट करने की कोई जरूरत नहीं है. जी हाँ, मंत्रालय ने इस बारे में एक बयान जारी करते हुए यह कहा है कि जिस करदाता का कारोबार दो करोड़ रुपए है और वे धारा 44AD के अंतर्गत अनुमानित कराधान योजना का विकल्प चुनते हैं, उन्हें अपने खाते का ऑडिट करने की जरूरत नहीं होगी.
गौरतलब है कि आयकर कानून की धारा 44एबी प्रत्येक व्यक्ति के लिये यह अनिवार्य करता है कि अगर उसकी बिक्री, कारोबार या सकल प्राप्ति एक करोड़ रुपए से अधिक है तो वह अपने खाते का ऑडिट जरूर करवाए.
बयान में ही यह भी कहा गया है कि अगर पात्र व्यक्ति धारा 44AD (1) के अंतर्गत अनुमानित कराधान योजना अपनाता है और अगर उसका कारोबार या सकल प्राप्ति संबंधित पिछले साल में दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं है तो उसे अपने खातों के ऑडिट की जरूरत नहीं होगी.