भारत के रुख को गलत ना समझें पश्चिमी देश : प्रणब मुखर्जी
नयी दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पश्चिमी देश विश्व व्यापार संगठन में भारत के रुख को बाजार बिगाड़ने वाला ना समझें। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रक्रिया आसान बनाने और खाद्य सुरक्षा का मुद्दा, दोनों एक दूसरे से गहराई से जुडे हुए हैं। ऐसे में विकसित देशों को विश्व व्यापार संगठन के व्यापार सुविधा समझौते (टीएफए) का अनुमोदन न करने के भारत के फैसले को ‘बाजार में विकृती’ के रुप में नहीं देखा जाना चाहिए। मुखर्जी ने नॉर्वे और फिनलैंड की यात्रा से लौटते हुए अपने विशेष विमान में संवाददाताओं से कहा कि भारत ने साफ किया है कि वह विश्व व्यापार संगठन में खाद्य सुरक्षा पर अपने रुख पर कायम रहेगा क्योंकि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह गरीबों के हितों की रक्षा करे और वह खाद्य सुरक्षा मामलों पर स्थाई समाधान मिलने तक व्यापार सुविधा समझौते पर सहमति नहीं जताएगी। भारत ने 2013 में बाली में हुए डब्ल्यूटीओ समझौते में सीमा शुल्क प्रक्रिया को आसान बनाने के संबंध में टीएफए का अनुमोदन करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया है कि इसके साथ साथ अनाज की सरकारी खरीद कार्यक्रम के मुद्दे का भी स्थायी समाधान निकाला जाना चाहिए। राष्ट्रपति मुखर्जी इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या 160 सदस्यों के वाले विश्व व्यापार संगठन के टीएफए का अनुमोदन न करने के कारण भारत अलग-थलग पड़ गया है।