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महात्मा गांधी अंग्रेजों की ‘फूट डालो राज करो’ नीति का करते रहे अनुसरण :काटजू

दस्तक टाइम्स/एजेंसी
akhilesh_660_091015072805चंडीगढ़ः पूर्व न्यायाधीश मार्कंडेय काटजू ने महात्मा गांधी को लेकर विवादित बात कही। उन्होंने कहा है कि भारत के राष्ट्रपिता की उपाधि महात्मा गांधी को नहीं बल्कि मुगल बादशाह अकबर को दी जानी चाहिए। महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद राजनीति में अपनी पैठ बनाने के लिए हिंदू-मुस्लिम भाईचारा खत्म करने में अंग्रेजों की मदद की। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में बार एसोसिएशन की ओर से शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 108वीं जयंती पर कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करने पहुंचे काटजू ने कहा कि मुगल बादशाह अकबर ने भारत में जिस शासकीय ढांचे की संरचना की थी, उसमें सभी धर्मों को सम्मान दिया गया था, लेकिन महात्मा गांधी ने केवल हिंदुत्व पर जोर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि महात्मा गांधी अंग्रेजों की ‘फूट डालो राज करो’ नीति का ही अनुसरण करते रहे। उन्होंने गोरक्षा, रामराज्य, हरिजन जैसे आंदोलन तो चलाए, लेकिन मुस्लिमों के लिए एक भी शब्द नहीं कहा। काटजू ने कहा कि भारत में 1857 के पहले कभी भी हिंदू-मुस्लिम दंगा नहीं हुआ था। । जस्टिस काटजू ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शहीद भगत सिंह मेरे रियल हीरो हैं और वही सच्चे फ्रीडम फाइटर थे। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में मामलों की सुनवाई के लिए हिंदी और पंजाबी भाषा के उपयोग की मांग एक बार फिर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने कहा कि वे सभी मिलकर पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से हाईकोर्ट में हिंदी और पंजाबी भाषा लागू करने की अपील करें।

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