मायावती की काट में जुटे केशव मौर्य
उत्तर प्रदेश में चुनाव की घड़ी आ ही गई है। सभी पार्टियां अपने को बेहतर बताने और वोट भुनाने के जुआड़ में जी तोड़ मेहनत कर रही हैं। राजनीतिक पार्टियों को अपने-अपने गृहनगर और चुनाव क्षेत्रों के वोटरों की चिंता तब ज्यादा सताने लगती है जब उनके इलाके में कोई और पार्टी सभा या रैली करने लगती है। ऐसी ही कुछ चिंता बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या के चेहरे पर देखने को मिली जब उनके गृहनगर इलाहाबाद में बसपा सुप्रीमो मायावती ने 4 सिंतबर को रैली करने का ऐलान कर दिया। रैली के ऐलान के तुरंत बाद ही गुरुवार को केशव प्रसाद मौर्य अचानक अपने गृहनगर पहुंच गए। फिलहाल तो प्रदेशाध्यक्ष ने इसे सामान्य बताया है।
इलाहाबाद संगम स्थित परेड मैदान पर बसपा सुप्रीमो मायावती की रविवार, चार सितंबर को होने वाली रैली से पहले बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य गुरुवार को अचानक अपने गृहनगर पहुंच गए। माना जा रहा है कि बसपा इलाहाबाद मंडल में सामान्य और अति पिछड़े वर्ग के नए नेताओं को उभारने की कोशिश में लगी है। इसलिए कई ब्राह्मण, पटेल, निषाद और मौर्य बिरादरी के नेताओं को पार्टी में शामिल कराया जा सकता है। इस आशंका में बीजेपी अपने नेताओं को सहेजने की तैयारी में है। प्रदेशाध्यक्ष का दौरा इसी क्रम में माना जा रहा है। वह पार्टी में अपने विरोधी खेमे में गिने जाने वाले पूर्व विधायक उदयभान करवरिया के घर भी पहुंचे। करवरिया के घर उनकी मां की बरसी थी, इसलिए पार्टीजन इसे सामान्य शिष्टाचार बता रहे हैं। बसपा सुप्रीमो की रैली पर केशव प्रसाद ने कहा कि बीजेपी पूर्ण बहुमत से प्रदेश में सरकार बनाएगी। इलाहाबाद आने के पीछे उन्होने कोई खास वजह नहीं बताई