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मिस्र में सेना हुई सरकार के अधीन

syकाहिरा । मिस्र की अंतरिम सरकार ने सेना के अधिकारियों द्वारा लिये जाने वाले शपथ में संशोधन किया हैं जिसके बाद अब वे सीधे राष्ट्रपति के प्रति निष्ठा और वफादारी की शपथ नहीं लेंगे।
मिस्र के अंतरिम राष्ट्रपति अदली मंसूर द्वारा कल जारी किये गयेसंशोधनों में ..मैं गणराज्य के राष्ट्रपति के प्रति वफादार रहूंगा1.. वाकय हटाकर इसकी जगह ..मैं अपने देश के नेतृत्व के आदेशों पर अमल करूंगा.. जोड़ दिया गया है। सेना के प्रवकता अहमद अली ने कहा ..यह बदलाव सकारात्मकहै। यह इस लिए किया गया ताकि शपथ किसी व्यकित विशेष के प्रति न रहे। सेना के मुखिया केरूप में इसमें राष्ट्रपति स्वयं ही शामिल हो जाता है। …इस तरह वफादारी नेतृत्व के प्रति होगा न कि किसी व्यकित के प्रति1..
विशेषज्ञ इसे एक बडा बदलाव मान रहे हैं। उनका कहना है किइससे सेना नागरिक नियंत्रण से मुकत हो जायेगी। जार्र्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में मिस्र मामलों के विशेषज्ञ प्रोफेसर नाथन व्राउन ने कहा ..यह सेना द्वारा की गयी पहल है जिस पर सिर्फ अंतरिम राष्ट्रपति की मुहर लगी है। जहां दुनिया के अधिकतर देशों में सेना संविधान या कानून के प्रति शपथ लेती है. वहीं मिस्र में वह किसी भी नागरिक पद. कानून या प्रक्रिया के प्रति शपथ नहीं लेगी ।

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